Friday, April 19, 2024
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4.66 करोड़+ फूड पैकेट, 44.86 लाख मजदूरों की मदद… और अब नौकरी दिलाने में सहायता: ऐसे मदद कर रहा RSS

“लॉकडाउन के दौरान, 5.07 लाख स्वयंसेवकों ने 4.66 करोड़ से अधिक फूड पैकेट वितरित किए और 44.86 लाख प्रवासी मजदूरों की मदद की। और लॉकडाउन खत्म होने के बाद से हम मजदूरों को उनकी नौकरी वापस दिलाने में मदद कर रहे हैं।”

कोरोना वायरस महामारी की मुश्किल घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) लोगों की मदद के लिए आगे आया है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बेंगलुरु, गुवाहाटी और सूरत में प्लाज्मा डोनशन (Plasma Donation) अरेंज करना हो, या बिहार में प्रवासियों के लिए शेल्टर खोलने हों, संघ हर काम बढ़-चढ़कर कर रहा है।

इसके अलावा पश्चिम बंगाल में फूड पैकेट्स बाँटने से लेकर कर्नाटक में मास्क और सेनेटाइजर प्रदान करने, केरल में छात्रों की वर्चुअल क्लासेज के लिए टीवी सेट दान करने, छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन में प्रवासियों के लिए गाड़ियों का इंतजाम करने और साथ ही महाराष्ट्र में पीड़ितों के अंतिम संस्कार तक का प्रबंध संघ द्वारा किया जा रहा है।

जमीनी स्तर पर शाखा की गतिविधियाँ पकड़ रही हैं जोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राष्ट्रव्यापी नेटवर्क ने लॉकडाउन के दौरान एक रणनीति के तहत काम किया है। जमीनी स्तर पर शाखा की गतिविधियाँ जोर पकड़ रही है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएस के सेवा विभाग के प्रमुख पराग अभयंकर ने कहा, “लॉकडाउन के दौरान, 5.07 लाख स्वयंसेवकों ने 4.66 करोड़ से अधिक फूड पैकेट वितरित किए और 44.86 लाख प्रवासी मजदूरों की मदद की। और लॉकडाउन खत्म होने के बाद से हम मजदूरों को उनकी नौकरी वापस दिलाने में मदद कर रहे हैं।”

सेवा एक दायित्व नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य

पराग के अनुसार, लॉकडाउन लागू किए जाने के एक महीने बाद 26 अप्रैल को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा राहत कार्य चालू करने की अपील की गई थी। उन्होंने कहा था, “हमारी सेवा बिना पक्षपात के होनी चाहिए। सेवा एक दायित्व नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य है।”

संघ का कहना है कि सेवा विभाग ने पाँच महीने में 92 हजार राहत केंद्र खोले हैं। इसके अलावा 483 मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर, 60 हजार कार्यकर्ताओं ने ब्लड डोनेट किया और करीब 73.8 लाख राशन किट बाँटी गईं। इस दौरान कई कार्यकर्ता और नेता, जिसमें ज्वॉइंट पब्लिसिटी चीफ सुनील अंबेकर कोरोना वायरस संक्रमित हुए और चार की मौत भी हुई। जिन लोगों की कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हुई, उनमें दो मध्य प्रदेश, एक महाराष्ट्र और एक बिहार के शामिल हैं।

बंगाल से केरल तक, आरएसएस और उसके सहयोगियों, जैसे सेवा भारती और भारतीय मजदूर संघ के नेताओं का कहना है कि उनका ध्यान पूरी तरह से राहत कार्यों की तरफ स्थानांतरित हो गया है।

संघ के काम की एक झलक

महाराष्ट्र: 6,277 स्थानों पर 26,000 से अधिक स्वयंसेवक लगाए गए। 10 लाख से अधिक राशन किट, 87 लाख से अधिक भोजन और 5 लाख से अधिक मास्क एवं सेनेटाइजर प्रदान किए गए। 1 लाख से अधिक खानाबदोश परिवारों के लिए सहायता उपलब्ध कराई गई। शिविरों में 24,000 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया।

2 लाख लोगों को 1,000 से अधिक अस्थायी स्वास्थ्य सुविधाएँ दी गईं। क्षेत्र के कल्याण प्रमुख उपेंद्र कुलकर्णी ने कहा, “100 से अधिक स्वयंसेवकों ने उन लोगों का अंतिम संस्कार करने में मदद की, जिनके पास कोई पारिवारिक समर्थन नहीं था।”

पश्चिम बंगाल: 2.5 लाख परिवारों के लिए खाद्य पदार्थ, पका हुआ भोजन, मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध कराए गए गए। इसके साथ ही वहाँ पर जागरूकता कैंप भी लगाए गए। रेड लाइट वाले एरिया में 500 से अधिक महिलाओं को 5 पैकेट चावल, 1 किलो दाल, 3 किलो आलू, 250-300 ग्राम नमक और तेल के साप्ताहिक पैकेट वितरित किए गए। दक्षिण बंगाल के सचिव जिष्णु बसु ने बताया कि स्वयंसेवकों ने प्रवासी श्रमिकों, और मेडिकल हेल्पलाइन के लिए 80 से अधिक शिविर खोले।

बिहार: राज्य के पदाधिकारी रामदत्त चक्रधर ने कहा, “हमने विशेष ट्रेनों में लौटने वाले प्रवासियों को भोजन के पैकेट और बोतलबंद पानी प्रदान किया। हमारे स्वयंसेवकों ने मास्क, सैनिटाइज़र और अनाज भी वितरित किए।”

राजस्थान: राशन और खाने के पैकेट बाँटे गए, मास्क तैयार किया गया, प्रवासियों के लिए आश्रय और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। एक अधिकारी ने कहा, “हमने फलों और सब्जियों, छोटे व्यवसायों और किसानों के समूहों के स्टॉल लगाने में भी मदद की है।” जयपुर में, 12,600 से अधिक कार्यकर्ताओं ने 22 लाख से अधिक लोगों को भोजन के पैकेट, 2 लाख परिवार के राशन किट और होम्योपैथिक दवाओं का वितरण किया।

छत्तीसगढ़: 2 लाख से अधिक लोगों को भोजन, राशन, मास्क, साबुन और सेनिटाइजर उपलब्ध कराए गए। जागरूकता अभियान, रक्तदान अभियान और परामर्श सत्र के अलावा लॉकडाउन के दौरान घर पहुँचने के लिए 1,000 से अधिक लोगों के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई। राज्य प्रचार प्रमुख सुरेंद्र कुमार ने कहा, “हमने राजमार्ग पर और आदिवासी गाँवों और शहरों में लोगों की मदद की।”

कर्नाटक: 8,400 से अधिक स्वयंसेवकों ने 3.17 लाख से अधिक लाभार्थियों को 71,667 राशन किट, 1,04,377 खाद्य पैकेट और 51,920 मास्क वितरित किए। बेंगलुरु, बागलकोट, मैसूरु, मंगलुरु, हुबली और शिवमोगा में भोजन और राशन वितरण किया गया और रक्तदान शिविर आयोजित किए गए।

केरल: सेवा भारती के 42,000 स्वयंसेवकों ने भोजन के पैकेट, किराना किट और दवा का वितरण किया। उन्होंने स्थानीय निकायों को कोविड केंद्रों को तैयार करने में मदद की और स्वच्छता अभियानों में भाग लिया। सेवा भारती ने छात्रों को वर्चुअल क्लासेस के लिए टीवी सेट भी वितरित किए। राज्य महासचिव गोपालंकुट्टी मास्टर ने कहा, “अब तक केरल में 42 लाख परिवारों को हमारे स्वैच्छिक काम से लाभ मिला है।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय कप्तान विराट कोहली ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी संगठन ‘सेवा भारती’ के कदमों की सराहना की थी। बता दें कि ‘सेवा भारती’ दिल्ली में लगातार जरूरतमंदों तक मदद पहुँचा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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