Tuesday, April 23, 2024
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सरकारी खजाने से चर्च के पादरियों को वेतन क्यों? – आंध्र प्रदेश HC ने जगन सरकार से माँगा जवाब: रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि इसी तरह से मस्जिदों के इमाम को भुगतान किया जाता है। लेकिन, चर्च के ईसाइयों को राज्य के सरकारी खजाने से वेतन का भुगतान किया जा रहा है।

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली राज्य सरकार द्वारा पादरियों को दिए जा रहे वेतन पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा है की आप सरकारी खजाने से पादरियों को दिए जा रहे वेतन को कैसे सही ठहरा सकते हैं।

‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से पादरियों को दिए जा रहे वेतन को को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने कहा की धार्मिक गतिविधियों के लिए फंड देना अलग बात है, लेकिन किसी के धार्मिक आस्था के लिए वेतन देना अलग बात है। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर कैसे पादरियों को जनता के रुपए से वेतन दिया जा सकता है।

विजयवाडा के विजय कुमार ने पादरियों को वेतन भुगतान करने के संबंध में सरकारी आदेश (जीओ) संख्या 52 को चुनौती देते हुए यह जनहित याचिका दाखिल की थी। विजय कुमार की तरफ से जिरह करते हुए पी श्री रघुराम ने शुक्रवार (11 नवंबर, 2022) को कहा कि मंदिरों में मुख्य पुजारी (अर्चक) को बंदोबस्ती विभाग की ओर से श्रद्धालुओं के दिए दान से वेतन का भुगतान किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह से मस्जिदों के इमाम को भुगतान किया जाता है। लेकिन, चर्च के पादरियों को राज्य के सरकारी खजाने से वेतन का भुगतान किया जा रहा है। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एस श्रीराम ने कहा की संविधान की धारा 27 के तहत राज्य सरकार धार्मिक गतिविधि को सब्सिडी दे सकती है। इस पर हाइकोर्ट ने कहा की धर्मिक उत्सवों पर खर्च करना और वेतन देना अलग-अलग बात है। हाईकोर्ट ने कहा की पादरियों को वेतन देने के कार्य को किसी धार्मिक उत्सव के तौर पर नहीं माना जा सकता है।

वहीं आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण में लिप्त ईसाई मिशनरियों की रिपोर्ट सामने आते रहती है। युवजन श्रमिका रायथू कॉन्ग्रेस (वाईएसआरसी) के सांसद कृष्णम राजू आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण में लिप्त ईसाई मिशनरियों को लेकर आवाज उठाई थी। उन्होंने अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से जान का खतरा होने की बात भी कही थी। राजू ने अपनी ही पार्टी से जान को ख़तरा बताते हुए केन्द्रीय सुरक्षा की माँग की थी। उन्होंने जून 2020 में कहा था कि पार्टी के विधायक और समर्थक लगातार उन्हें जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं और राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है। मई 2020 में एक न्यूज़ डिबेट में उन्होंने कहा था कि आंध्र प्रदेश में मिशनरी के लोग खुलेआम धर्मांतरण हो रहा है।

आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे पर राजू ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा था कि प्रदेश में सरकारी आँकड़ों में भले ईसाइयों की संख्या 2.5% बताई जाती है, लेकिन वास्तविकता में यह 25% से कम नहीं है। बाद में हालाँकि नर्सापुरम से सांसद राजू को सीआईडी ने 14 मई 2021 को कथित देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। राजू ने हिरासत में टॉर्चर करने का भी आरोप लगाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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