हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर 15 अक्टूबर 2021 को लखबीर सिंह की हत्या के मामले में किसान नेताओं ने जिम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ लिया है। हत्या का आरोप निहंग सिखों पर लगे हैं। इस मामले में कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए कई किसान संगठनों को मिलाकर बने संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहाँ संगठन ने इसकी जिम्मेदारी लेने से इनकार किया। एसकेएम ने दावा किया कि निहंगों के समूह का संगठन से कोई संबंध नहीं है।
SKM Statement on Singhu Incident:
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) October 15, 2021
SKM condemns this gruesom killing. SKM is against sacrilege of any religious text or symbol, but that does not give anyone the right to take the law into their own hands.
This peaceful and democratic movement is opposed to violence in any form. pic.twitter.com/rbVmAMXHZb
एसकेएम ने अपने बयान में कहा कि निहंग समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि लखबीर कुछ समय से निहंगों के साथ रह रहा था। एसकेएम ने हत्या की निंदा की और कहा कि हालाँकि वे धार्मिक पाठ या प्रतीक का अनादर करने के खिलाफ हैं, लेकिन इस तरह से किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। संगठन ने इस मामले में पुलिस और प्रशासन को सहयोग देने का भी वादा किया।
Samyukt Kisan Morcha “condemns gruesome killing of Lakhbir Singh (at Kundli this morning). We want to make it clear that both the parties to this incident, the Nihang group & the deceased, have no relation with SKM. The Morcha is against sacrilege of any religious text,symbol.”
— ANI (@ANI) October 15, 2021
एसकेएम के बयान में कहा गया है, “संयुक्त किसान मोर्चा के संज्ञान में आया है कि पंजाब के रहने वाले एक व्यक्ति (लखबीर सिंह, पुत्र दर्शन सिंह, ग्राम चीमा कला, थाना सराय अमानत खान, जिला तरनतारन) की आज सुबह सिंघू बॉर्डर पर हत्या कर दी गई। घटनास्थल पर मौजूद एक निहंग समूह ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह घटना मृतक द्वारा सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश के कारण हुई है। बताया गया है कि यह मृतक कुछ समय से निहंगों के एक ही समूह के साथ रह रहा था।”
बयान में आगे कहा गया है, “संयुक्त किसान मोर्चा इस वीभत्स हत्या की निंदा करता है और यह स्पष्ट करना चाहता है कि इस घटना के दोनों पक्षों, निहंग समूह और मृतक व्यक्ति का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। मोर्चा किसी भी धार्मिक प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन यह किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देता है। हम माँग करते हैं कि हत्या और बेअदबी के पीछे साजिश के आरोप की जाँच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। हमेशा की तरह संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा। यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन किसी भी रूप में हिंसा का विरोध करता है।”
एसकेएम का संदिग्ध अतीत रहा है
संयुक्त किसान मोर्चा ने भले ही खुद को विरोध स्थल पर हुई निर्मम हत्या से अलग कर लिया है, लेकिन विरोध स्थलों पर पिछले अपराधों के प्रति एसकेएम का रवैया संदिग्ध है। जून में पश्चिम बंगाल की एक महिला के साथ विरोध स्थल पर कथित तौर पर बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। किसान नेताओं ने घटना का व्हाइटवॉश करने की कोशिश की। वहीं, अप्रैल में भी रेप की एक घटना सामने आई थी।
Nihangs at Farmer’s protest mob Lynched a man in Kundali, Haryana.
— Ankur (@iAnkurSingh) October 15, 2021
Look at the description of how brutally they murdered the man, even made video of it. Threatened journalist who tried to take pics.
Are these people Farmers? Strict action must be taken. pic.twitter.com/9sL0itc63J
उल्लेखनीय है कि सिंघू बॉर्डर के पास नृशंस हत्या हुई है, जहाँ एसकेएम के ‘प्रदर्शनकारी’ महीनों से धरना दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि पीड़ित का शव मुख्य मंच के पीछे बैरिकेड से लटका हुआ था। वहाँ एसकेएम अपना विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
घटना के वीभत्स वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जहाँ निहंग शेखी बघारते दिख रहे हैं कि कैसे उन्होंने कथित ईशनिंदा के लिए उस व्यक्ति को मार डाला। बाबा नरेन सिंह नाम के एक निहंग नेता ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। रिपोर्टों में कहा गया है कि पीड़ित को पहले पीटा गया, क्षत-विक्षत किया गया, टुकड़े-टुकड़े किए गए और फिर रस्सी से मुख्य मंच तक घसीटा गया। वहाँ उसके शरीर को बाँध दिया गया और कटे हुए हाथ को भी लटका दिया गया।