केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन साइंसेज (KUFOS) में अवैध नियुक्ति का मामला सामने आया है। यह मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब यूनिवर्सिटी की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने एक कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के बाद मामले की जाँच की। जाँच में पता चला कि अवैध रूप से नौकरी देने वाला व्यक्ति ही उस महिला का यौन शोषण कर रहा था।
एक असिस्टेंट लाइब्रेरियन ने लाइब्रेरी में अस्थायी तौर पर एक कर्मचारी को अवैध रूप से नियुक्त किया था। KUFOS के विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि प्रशासन को अवैध नियुक्ति के बारे में उस दौरान पता चला, जब एक महिला ने उसे नौकरी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, असिस्टेंट लाइब्रेरियन वीएस कुंजुमुहम्मद द्वारा अस्थायी तौर पर नियुक्त की गई महिला कर्मचारी ने 14 दिसंबर को उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायत के आधार पर प्रोफेसर डॉ. एस श्यामा के तहत आईसीसी ने इस पूरी घटना की जाँच की और रजिस्ट्रार को एक रिपोर्ट सौंपी। रजिस्ट्रार ने 19 दिसंबर 2021 को कुंजुमुहम्मद को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया। केयूएफओएस (KUFOS) के प्रभारी रजिस्ट्रार बी मनोज कुमार ने कहा कि विस्तृत जाँच पूरी होने के बाद आरोपित व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath kovind) को डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर (D Lit) की मानद उपाधि देने के केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad khan) के अनुरोध को केरल विश्वविद्यालय (Kerala University) ने ठुकरा दिया है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें कुलपति बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह उच्च शिक्षा मंत्री को कुलपति के अधिकार को ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि पिछले महीने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कन्नूर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर जमकर निशाना साधा था। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण आरिफ मोहम्मद खान ने कुलपति के पद से इस्तीफा देने की पेशकश करते हुए पत्र लिखा था, लेकिन सीएम विजयन ने समझौते की बजाए राज्यपाल की मंशा पर ही सवाल उठा दिया।
यह मामला कन्नूर विश्वविद्यालय की कुलपति की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किसी के दबाव में आकर कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्त के लिए एक व्यक्ति को चुना है। अपना मन बदलने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य की CPI(M) सरकार से वो और टक्कर नहीं चाहते, इसीलिए उन्होंने ये फैसला लिया है।