Saturday, May 11, 2024
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गंदे फोटो से लेकर पोर्न, ‘Stud Muslim’ ग्रुप में बीजेपी कार्यकर्ता और हिन्दू लड़कियों की तस्वीरें: आरोपित शेख पर कार्रवाई की माँग

“सर मुझे आशा है कि आप इसे पढ़ेंगे और इस मामले को आगे बढ़ाएँगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह के सैकड़ों ग्रुप मौजूद हैं। आज मेरे साथ ऐसा हुआ, कल किसी और महिला के साथ हो सकता है। कृपया सोशल मीडिया पर इन सभी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करें।"

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीजेपी (BJP) की कार्यकर्ता अंकिता की इमेज का राधा शेख नाम के आरोपित ने सोशल मीडिया (Social Media) पर गलत इस्तेमाल किया है। इस घटना को लेकर अंकिता ने मंगलवार (25 जनवरी 2022) को साइबर पुलिस में इसकी शिकायत की। अंकिता ने कहा है कि उन्हें एक अनजान व्यक्ति ने ट्विटर का एक लिंक भेजा, जिसे ओपन करते ही उन्होंने देखा कि राधा शेख नाम के व्यक्ति ने उनकी इमेज को एडिट कर उसे रेडिट ग्रुप पर डाल दिया है।

अंकिता ने आगे कहा कि इस इमेज को जब उन्होंने लोगों और अधिकारियों के संज्ञान में लाने के लिए ट्विटर पर शेयर किया तो इसे हटा दिया गया, लेकिन वो उनकी इमेज को मार्फ करने वाले आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती थी। उन्होंने इस मामले में पुलिस से रेडिट और आरोपित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की। इस मामले में अंकिता कहती हैं, “आज उसने मेरे साथ ऐसा किया है, कल किसी और महिला के साथ भी ऐसा ही करेगा।”

अपने ट्विटर थ्रेड में अंकिता ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) को टैग करते हुए कहा कि इस तरह की समस्या झेलने वाली वो अकेली महिला नहीं हैं, इंटरनेट पर ऐसी कई महिलाएँ हैं, जिनकी तस्वीरों को मार्फ कर उनका गलत इस्तेमाल किया गया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा, “सर मुझे आशा है कि आप इसे पढ़ेंगे और इस मामले को आगे बढ़ाएँगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह के सैकड़ों ग्रुप मौजूद हैं। आज मेरे साथ ऐसा हुआ, कल किसी और महिला के साथ हो सकता है। कृपया सोशल मीडिया पर इन सभी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करें।”

प्रोपेगेंडा से मुझे दूर रखें

इसके साथ ही अंकिता ने उन लोगों को भी आड़े हाथों लिया, जो ये कह रहे थे कि बीजेपी अपने कार्यकर्ता के साथ नहीं खड़ी है। उन्होंने कहा, “जो लोग लिख रहे हैं कि बीजेपी मेरा ख्याल नहीं रख रही है। मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मेरे साथ बहुत से लोग हैं, हर कोई सब कुछ नहीं दिखा सकता है, कृपया अपने प्रोपेगेंडा से मुझे दूर रखें।”

सोशल मीडिया पर खुद को मिल रहे समर्थन पर अंकिता ने कहा, “हर मुश्किल से लड़ने में मेरा समर्थन करते रहें। हम सब साथ हैं। ये बहुत ही दुखद है कि हर दिन हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। यह जानकर मुझे मेरे अलावा भी कई अन्य महिलाओं की इमेज अभी भी यहाँ मौजूद हैं। मैं उन महिलाओं के लिए और इस दुनिया की सभी महिलाओं के लिए लड़ूँगी।”

नए आईटी नियमों से यूजर को मिली आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने की ताकत

इस मामले में जब नेटिजन, अंशुल सक्सेना से केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) से एक्शन लेने की माँग की तो उन्होंने रिप्लाई करते हुए अंकिता से रेडिट को ऑब्जेक्शनेबल कंटेट हटाने के लिए लिखने को कहा।

केंद्रीय मंत्री ने आईटी एक्ट के नियम 3 (2) बी का हवाला देते हुए कहा, “उनके पास नए आईटी नियमों के नियम 3 (2) बी का हवाला देते हुए हटाने की माँग करने का अधिकार है। मैं अंकिता से अनुरोध करता हूँ कि वह तुरंत रेडिट को लिखें। नए आईटी नियम प्लेटफॉर्म को यूजर्स के प्रति जवाबदेह बनाते हैं।”

गौरतलब है कि साल 2021 में भारत सरकार ने नए आईटी नियमों को लागू किया था, जिसके तहत किसी भी आपत्तिजनक सामग्री के मामले में दर्ज की गई शिकायत पर मध्यस्थ को ही कार्रवाई करनी होती है। वो इस केस में 24 घंटे के अंदर विवादित कंटेट को हटाने की माँग कर सकता है।

सोशल मीडिया पर हिंदू महिलाओं को किया जा रहा टार्गेट

साम्प्रदायिक नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग लगातार हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के लिए की जा रही है, लेकिन इसके खिलाफ सही तरीके से कार्रवाई नहीं होती है। सोशल मीडिया पर कई महिलाओं की तस्वीरें हैं, बिंदी, मंगल सूत्र, सिंदूर और साड़ी में में उन्हें दिखते हुए हिंदू बताया गया है। साथ ही इसमें इस तरह के कमेंट किए जा रहे हैं कि ये ‘मुस्लिम d*ck’ का इतंजार कर रही हैं, क्योंकि वे ही उन्हें संतुष्ट कर सकते हैं। इस तरह की अश्लील इमेज को कभी-कभी महिला को अपमानजनक दिखाने और उसे धमकाने के लिए भी किया जाता है। अश्लील तस्वीरें ‘HSlut4MStud’ (मुस्लिम स्टड के लिए हिंदू slt) जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट की जाती हैं।

हालाँकि, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि संघियों से नफरत के कारण स्वयंभू लिबरलों और कॉन्ग्रेस समर्थकों का एक तबका हिंदू महिलाओं के उत्पीड़न पर चुप रहने वाला है। क्योंकि इन आरोपितों में अधिकतर मुस्लिम हैं। खास बात ये है कि तथाकथित उदारवादी हिंदुओं को टार्गेट किए जाने के तथ्य को बार-बार अनदेखा करते हैं और ये सोचते हैं कि ‘भारत में धार्मिक बहुमत पीड़ित या प्रताड़ित कैसे हो सकता है’।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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