Thursday, October 31, 2024
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शाहीन बाग के टुकड़े-टुकड़े! देर रात चला ड्रामा… मीडिया से बात करने पर बँटे प्रदर्शनकारी

देर रात ड्रामे के बाद शाहीन बाग में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई। जो रोड बंद थी, वो बंद रही और प्रदर्शनकारी दो गुटों में बॅंटे नजर आए। मीडिया को मौके से फौरन जाने को कहा गया। उन्हें रिकॉर्डि करने से रोका गया।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों के बीच मतभेद की ख़बरें आ रही है। गुरुवार की रात इसकी झलक दिखाई पड़ी। जानकारी के अनुसार, देर रात प्रदर्शनस्थल पर मीडिया से बातचीत करने को काफी ड्रामा हुआ। पहले सोशल मीडिया पर खबर आई कि वहाँ प्रदर्शनकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं और जब सभी मीडियाकर्मी उसे कवर करने पहुँचे तो मालूम चला कि ये अफवाह है। इतना ही नहीं, मौक़े पर पहुँची मीडिया को वहाँ रिकॉर्डिंग भी नहीं करने दिया और फौरन चले जाने को कहा जाने लगा। स्थिति देखकर स्पष्ट हो गया कि कुछ लोग वहाँ मीडिया से बात करना चाहते थे, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया।

गुरुवार की रात करीब 9:30 बजे तक शाहीन बाग में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना पूरे सोशल मीडिया पर फैल चुकी थी। साहिल मुर्ली मेंघानी नामक पत्रकार, जो कि शाहीन बाग के प्रदर्शन को लगातातर कवर कर रहे हैं, ने 9:26 पर अपने ट्विटर पर लिखा कि शाहीन बाग में गुरुवार को रात 11 बजे एक अर्जेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस उस सड़क को लेकर होगी जिसे प्रदर्शनकारियो ने ब्लॉक नहीं किया, बल्कि वो पुलिस बैरिकेडिंग के कारण बंद है।

कई मीडिया संस्थानों के अनुसार वे शाहीन बाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए बिलकुल तैयार थे। कयास लग रहे थे कि प्रेस कॉन्फ्रेंस जामिया के नजदीक हुए वाकये पर होगा या राजनेताओं के बयान को लेकर। मगर, उन्हें क्या पता था कि यह शाहीन बाग ड्रामे की शुरुआत है। कुछ ही देर में साहिल का एक और ट्वीट आया और उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होने वाली, क्योंकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसी ने फेक न्यूज फैलाई है।

इसके बाद साहिल ने ये भी बताया कि शाहीन बाग पर कुछ प्रदर्शनकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते हैं, जबकि कुछ इससे मना कर रहे हैं। इसके बाद पता चला कि शाहीन बाग के कुछ प्रदर्शनकारी सड़क को खुलवाना चाहते हैं, क्योंकि वे उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे। जबकि कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर उन्होंने वो साइड खोल दी तो जैसे मार्च के दौरान गोली चली वैसे उन पर भी कोई हमला कर सकता है।

इतने ड्रामे के बाद शाहीन बाग में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई। जो रोड बंद थी, वो बंद रही और प्रदर्शनकारी दो गुटों में बँटे दिखाई दिए। मीडिया को वहाँ से फौरन जाने को कहा गया। साथ ही ये भी कहा गया कि उन्हें वहाँ रिकॉर्डिंग करने की अनुमति नहीं है। इसलिए वो कैमरा बंद कर दें और मोबाइल से भी कोई रिकॉर्डिंग न करें।

उल्लेखनीय है कि कल रात शाहीन बाग में मीडिया से बातचीत को लेकर हुए प्रदर्शनकारियों में मतभेद के बाद वहाँ एक-दूसरे पर स्टेज से चप्पलें फेंकी जाने की भी सूचना है। लेकिन इस वाकये के पुख्ता सबूत न होने के कारण ऑपइंडिया इस खबर की पुष्टि नहीं करता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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