Tuesday, November 19, 2024
Homeदेश-समाजशरजील तेरे सपनों को मंजिल तक पहुँचाएँगे: मुंबई में CAA विरोध के नाम पर...

शरजील तेरे सपनों को मंजिल तक पहुँचाएँगे: मुंबई में CAA विरोध के नाम पर कश्मीर की ‘आज़ादी’ के पोस्टर

समलैंगिकों की आड़ लेकर सीएए विरोध के नाम पर देश विरोधी एजेंडे को हवा दी गई। विरोध तो सीएए, एनआरसी और एनपीआर का हो रहा था लेकिन नारे 'आज़ादी' के लग रहे थे। एक बैनर में तो 'कश्मीरी की आज़ादी' की ही माँग कर डाली गई।

“शरजील तेरे सपनों को मंजिल तक पहुँचाएँगे।”

मुंबई में शनिवार (फरवरी 1, 2020) को आयोजित क्वीर प्राइड परेड में यह नारा काफ़ी देर तक गूँजता रहा। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने देश के ‘टुकड़े-टुकड़े’ वाली मानसिकता का परिचय दिया। मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित इस रैली में सीएए विरोधियों ने ‘लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर’ हितों की बात करने का दावा करते हुए सीएए के ख़िलाफ़ अपना प्रोपेगेंडा चलाया और भ्रम फैलाया। एनआरसी और एनपीआर को लेकर भी अफवाहें फैलाई गईं।

क्वीर आज़ादी मुंबई प्राइड मार्च के लिए अगस्त क्रांति मैदान में रैली करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद सीएए विरोधियों ने मुंबई पुलिस से ‘सॉलिडेरिटी मार्च’ के लिए अनुमति ली। इसके लिए शनिवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया। इस रैली में न सिर्फ़ शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाए गए बल्कि कई बैनर-पोस्टरों के जरिए सीएए और एनआरसी का भी विरोध किया गया। विरोध तो सीएए, एनआरसी और एनपीआर का हो रहा था लेकिन नारे ‘आज़ादी’ के लग रहे थे।

एक बैनर में तो ‘कश्मीरी की आज़ादी’ की ही माँग कर डाली गई। इससे पहले मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ‘आज़ादी मार्च’ निकालने की अनुमति नहीं दी थी और कहा था कि इससे क़ानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है। इसके बाद मीडिया ने उद्धव सरकार की आलोचना भी की थी। अब जब रैली हुई तो इसमें ‘राजीव तेरे सपनों को, रावण तेरे सपनों को, पायल तेरे सपनों को- हम मंज़िल तक पहुँचाएँगे’ जैसे भड़काऊ नारे लगाए गए।

बता दें कि शरजील इमाम फ़िलहाल दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के शिकंजे में है और उसे यूपी पुलिस द्वारा ले जाए जाने की संभावना है। शरजील से पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए हैं और उसकी जिहादी मानसिकता का पता लगा है। वो मस्जिदों में सीएए के ख़िलाफ़ भड़काऊ पंफलेट बाँटा करता था। उसके मोबाइल फोन, कम्प्यूटर और लैपटॉप की भी जाँच की जा रही है।

पूछताछ में शरजील ने अपने वायरल हो रहे बयानों को भी सच बताया। उसके गिरफ़्तार होने के बाद अब शाहीन बाग़ का प्रदर्शन भी कमजोर पड़ता दिख रहा है और उपद्रवी वहाँ से निकलने के लिए तरह-तरह से बहाने बनाने में जुटे हैं।

जिन्ना बनना चाहता था शरजील इमाम: मस्जिदों में बँटवाए थे भड़काऊ पर्चे, फोन व लैपटॉप जब्त

शरजील ‘एक प्रेम कथा’: आतंकी जाकिर मूसा की तरह शरजील इमाम को भी जानेमन ने ही करवाया गिरफ्तार

भारत को इस्लामिक मुल्क बनाना चाहता है शरजील इमाम, पूछताछ में माना- वीडियो से नहीं हुई छेड़छाड़

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Searched termsQueer Mumbai Pride march 2020, LGBTQ, Azaadi slogan, फ्री कश्मीर, शाहीन बाग शरजील इमाम, आजादी के नारे, समलैंगिक परेड मुंबई, मुंबई आजाद मैदान, देश विरोधी नारे, Sharjeel Imam, मुंबई CAA NRC, शाहीन बाग़ न्यूज़, शाहीन बाग़ प्रोटेस्ट टुडे, शाहीन बाग़ प्रोटेस्ट न्यूज, शाहीनबाग प्रदर्शन, शाहीन बाग मीडिया, शाहीन बाग प्रेस कांफ्रेंस, शाहीन बाग रोड ब्लॉक, शाहीन बाग वायरल वीडियो, CAA NRC शाहीन बाग, CAA NRC असम, शाहीन बाग मास्टरमाइंड, cab and nrc hindi, CAA मुसलमान, नागरिकता कानून मुसलमान, नागरिकता कानून हिंसा, भारत विरोधी नारे, मुस्लिम हरामी क्यो होते है, nrc ke bare mein muslim mulkon ki rai, मुसलमान डरे हुए हैं या डरा रहे हैं, हिंसा में शामिल pfi और सीमी मुसलमान, हिन्दुत्व के विरोध का भूत, हमें चाहिए आजादी ये कैसा नारा है, हिंदुओं से चाहिए आजादी
ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -