Friday, April 26, 2024
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न्यूज़लॉन्ड्री का स्तम्भकार और दिल्ली दंगों में आरोपित शरजील उस्मानी ‘गायब’, वाम-इस्लामिकों ने कहा- पुलिस ने उठा लिया

शरजील उस्मानी ने दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस पर पिस्टल तानने वाले शाहरुख पठान का महिमामंडन करते हुए कहा था कि उसे शाहरुख पर गर्व है। उसने तब अपने समुदाय के लिए लड़ाई लड़ी, जब पूरा राज्य, मशीनरी और 'हिंदुत्व सेना’ स्पष्ट रूप से उन्हें मार रही थी और लूटपाट मचा रही थी।

मजहबी विचारधारा के समर्थकों और वाम-उदारवादियों ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ के स्तंभकार शरजील उस्मानी, जिसने दिल्ली के दंगों के शूटर शाहरुख को ‘मुजाहिद’ कहा था, को यूपी पुलिस ने ‘उठा लिया’ है।

वामपंथियों के साथ ही कुछ मीडिया संस्थानों ने भी दावा किया है कि पुलिस साधारण कपड़ों में आकर उसे उठा ले गई, और पुलिस ने शरजील उस्मानी का ‘अपहरण’ कर लिया।

ट्विटर पर शरजील उस्मानी कि कथित अवैध गिरफ्तारी पर ट्वीट करते हुए अबू आला सुभानी ने लिखा है – “अभी कुछ समय पहले ही आजमगढ़, यूपी क्राइम ब्रांच से होने का दावा करने वाले 5 अज्ञात लोगों ने शरजील उस्मानी को अवैध रूप से हिरासत में लिया है। कोई वारंट, कोई रिसीविंग नहीं, कोई गिरफ्तारी ज्ञापन और परिवार को कोई जानकारी नहीं थी। उसका लैपटॉप, मोबाइल और किताबें भी ले गए।”

इसी तरह से ट्विटर पर कई ख़ास मजहबी नाम वाले लोगों ने शरजील उस्मानी कि गिरफ्तारी कि बात कही है और अपना रोष व्यक्त किया है। एक ट्विटर यूजर ने तो यहाँ तक लिखा है कि सरकार समुदाय विशेष के युवाओं से डरती है।

यहाँ पर यह ध्यान देना आवश्यक है कि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि क्या यह वास्तव में पुलिस ही थी, जिसने कथित तौर पर शरजील उस्मानी को उठाया था।

बरखा दत्त की ‘शेरो’ आयशा रेना ने भी यह दावा किया है कि राज्य समुदाय विशेष के युवा नेताओं को परेशान कर रहा है और शरजील उस्मानी को तत्काल बिना किसी शर्त के रिहा कर दिया जाना चाहिए।

आएशा रेना की मित्र लदीदा फरजाना ने यहाँ तक कहा है कि शरजील उस्मानी को गिरफ्तार किया गया है।

शरजील उस्मानी कि गिरफ्तारी या फिर उसे घर से ‘उठाने’ जैसी किसी बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। जब ऑपइंडिया ने आज़मगढ़ पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, तो पुलिस ने कहा कि वो ऐसे किसी भी ‘बंदी’ के बारे में नहीं जानते।

दिलचस्प बात यह है कि ‘अमर उजाला’ का दावा है कि उन्होंने अलीगढ़ के एसपी क्राइम ब्रांच अरविंद कुमार से सम्पर्क किया, जिन्होंने ‘गिरफ्तारी’ की पुष्टि की थी। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया है कि यह आजमगढ़ क्राइम ब्रांच ही थी, जिसने उस्मानी को हिरासत में लिया था।

आजमगढ़ और अलीगढ़ 700 किलोमीटर दूर स्थित हैं। अमर उजाला ने शरजील इमाम की तस्वीर के साथ शरजील उस्मानी की खबर छापी है। इसमें उसे ‘द वायर’ का स्तंभकार बताया गया है और कहा गया है कि उसे राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दो अलग ‘शरजील’ किसी शरजील उस्मानी को उठा लेने या बंदी बनाए जाने की बात पर संदेह पैदा करता है।

अमर उजाला कि रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट

हालाँकि, एजेंडा के तहत ही ‘द वायर’ ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें दावा किया गया कि शरजील उस्मानी को दिसंबर, 2019 को CAA के विरोध-प्रदर्शनों के सम्बन्ध में गिरफ्तार किया गया था।

द वायर ने इसके लिए अमर उजाला की रिपोर्ट का हवाला दिया। इसलिए, या तो यह रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले ‘द वायर’ ने खुद पुलिस से संपर्क नहीं किया या फिर द वायर ने इस बात का उल्लेख नहीं किया कि पुलिस विवरण देने में असमर्थ थी क्योंकि अमर उजाला की रिपोर्ट उनके एजेंडे में फिट बैठती थी।

अफवाहें यह भी सामने आई हैं कि 2019 के हिंसक सीएए विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने की आशंका के कारण, शरजील उस्मानी भूमिगत होकर किसी ‘सुरक्षित स्थान’ पर चला गया हो।

लेकिन जब तक सच्चाई सामने आती है तब तक वामपंथी और इस्लामी समर्थक यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि राज्य कथित अल्पसंख्यकों का दमन कर रही है।

कौन है शरजील उस्मानी?

इस साल ही जून माह में, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार शरजील उस्मानी ने फरवरी 2020 के हिंदू विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस पर पिस्टल तानने वाले शाहरुख पठान का महिमामंडन किया था।

उस्मानी ने आरोपित दंगाइयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसे शाहरुख पर गर्व है, जिसने अपने समुदाय के लिए लड़ाई लड़ी, जब पूरा राज्य, मशीनरी और ‘हिंदुत्व सेना’ स्पष्ट रूप से उन्हें मार रही थी और लूटपाट मचा रही थी।

इससे पहले, इसी शरजील उस्मानी ने भारतीय हितों को कमजोर करने के लिए लोगों को देश के पाँचवें स्तंभ के रूप में उपयोग करने के अपने इरादे की घोषणा की थी।

राजद्रोह के आरोपित शरजील इमाम के भड़काऊ भाषण सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शरजील उस्मानी उसका बचाव करने के लिए भी कूदा था। उसने लोगों से जेएनयू स्कॉलर से खुद को अलग न करने का आग्रह किया था और घोषणा की थी कि वह कट्टरपंथी के साथ है।

शरजील उस्मानी पर पुलिस ने लालकृष्ण आडवाणी पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए भी केस दर्ज किया था। इस पोस्ट में कथित रूप से कैप्टन पुनीश के साथ बीजेपी नेता की तस्वीर थी, जो बाबरी विध्वंस के दोषी थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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