Thursday, April 25, 2024
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देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में शुरू हुई ‘शिक्षा की दीवार’, ज़रूरतमंद बच्चे ले जा सकेंगे किताब

इस पहल का मकसद बच्चों को शिक्षा का साधन उपलब्ध कराना है। वहाँ पर रखी गई किताबों का दुरुपयोग रोकने के लिए एक जालीनुमा कमरा बनवाया गया है। वहाँ पर एक व्यक्ति को नियुक्त किया गया है जो किताब दान देने और लेने वालों की जानकारी रखेगा।

देश के तमाम क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा को लेकर छोटी-बड़ी पहल की जाती है। ऐसी ही एक पहल हुई है मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में। पिछले चार सालों से देश का सबसे स्वच्छ शहर चुने जाने वाले इंदौर में ‘शिक्षा की दीवार’ बनाई गई है। ये पहल गरीब वर्ग से आने वाले बच्चों के लिए शुरू की गई है। यहाँ से वे अपने लिए किताबें लेकर जा सकते हैं। 

‘शिक्षा की दीवार’ इंदौर के आदर्श रोड पर पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा द्वारा नगर निगम के सहयोग से तैयार की गई है। यहाँ मौजूद किताबों का सही उपयोग हो सके और ज़रूरतमंद बच्चों को किताबें मिल सकें इसके लिए पर्याप्त इंतजाम भी किए गए हैं। दिलीप शर्मा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “पहले यहीं पर गरीबों की मदद के लिए ‘नेकी की दीवार’ बनाई गई थी, जिससे वह यहाँ से कपड़े और ज़रूरत के छोटे-मोटे सामान ले जा सकें। अब यहाँ पर ‘शिक्षा की दीवार’ शुरू की गई है, अब वह किताबें ले जा सकते हैं।” 

इस पहल का मकसद बच्चों को शिक्षा का साधन उपलब्ध कराना है। वहाँ पर रखी गई किताबों का दुरुपयोग रोकने के लिए एक जालीनुमा कमरा बनवाया गया है। वहाँ पर एक व्यक्ति को नियुक्त किया गया है जो किताब दान देने और लेने वालों की जानकारी रखेगा। इसके अलावा वहाँ पर ऐसी व्यवस्था भी की गई है कि अगर कोई किताब नहीं उपलब्ध है तो वहाँ लगे बॉक्स में किताब का नाम और अपनी जानकारी कागज़ में लिख कर जमा करनी होगी। यहाँ पर लोग अपनी स्वेच्छा से किताब, कॉपी, पेन्सिल समेत अन्य तरह की शिक्षण सामग्री रख भी सकते हैं। 

इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यह अच्छी है और ऐसा देश के हर शहर में होना चाहिए। कुछ समय पहले यहीं पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित ‘नेकी की दीवार’ भी शुरू की गई थी। जहाँ पर लोग अपनी मर्ज़ी से कपड़े सहित अन्य सामान दान करते हैं और ज़रूरतमंद वहाँ से कपड़े लेकर जा सकते हैं।   

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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