Saturday, April 20, 2024
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‘पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने मुस्लिमों को भड़काया, उन्हें पीड़ित दिखाया’: UP STF की चार्जशीट

हलफनामे में बताया गया है कि कप्पन जिम्मेदार पत्रकार की तरह नहीं लिखता था। उसका काम सिर्फ मुस्लिमों को भड़काने का था। उसकी संवेदनाएँ माओवादी और कम्युनिस्टों के साथ थीं।

उत्तर प्रदेश के हाथरस केस के दौरान सिद्दीकी कप्पन नामक एक पत्रकार गिरफ्तार हुआ था जिसके ख़िलाफ यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। अब मीडिया में इसी चार्जशीट की कुछ महत्वपूर्ण बातें प्रकाशित हुई हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हलफनामे में एक जाँच अधिकारी का डायरी नोट है। इसमें उन्होंने कप्पन के उन 36 आर्टिकल्स को हाईलाइट किया है जो उसके लैपटॉप से बरामद हुए थे। इन लेखों में निजामुद्दीन मरकज, एंटी सीएए प्रोटेस्ट, दिल्ली दंगे, राम मंदिर, शरजील इमाम जैसे मुद्दों पर बात है।

हलफनामे में बताया गया है कि कप्पन जिम्मेदार पत्रकार की तरह नहीं लिखता था। उसका काम सिर्फ मुस्लिमों को भड़काने का था। उसकी संवेदनाएँ माओवादी और कम्युनिस्टों के साथ थीं। एएमयू में हुए सीएए प्रोटेस्ट पर लिखे लेख में उसने ऐसे दिखाया था जैसे पीटे गए मुस्लिम पीड़ित हों और पुलिस ने उन्हें पाकिस्तान जाने को कहा हो।

एसटीएफ ने इस प्रकार की लेखनी को सांप्रदायिक बताया और इसका उल्लेख किया है कि जिम्मेदार पत्रकार सांप्रदायिक रिपोर्टिंग नहीं करते। कप्पन सिर्फ और सिर्फ मुस्लिमों को भड़काता था, जो कि पीएफआई का छिपा एजेंडा है।

बता दें कि कप्पन को पिछले साल अक्टूबर में पीएफआई सदस्य अतिकुर रहमान, मसूद अहमद और उनके ड्राइवर के साथ मथुरा में गिरफ्तार किया गया था। इन्हें देशद्रोह और यूएपीए के तहत हिरासत में लिया गया था। चार्जशीट में लगाए गए नोट का दावा है की कप्पन पीएफआई के थिंकटैंक की तरह काम कर रहा था। वह हिंदू विरोधी खबरें मलयायम में पब्लिश कराने की और दिल्ली दंगों को भड़काने की कोशिश कर रहा था।

पुलिस ने उस पर इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा और हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत को छिपाने की कोशिश करने और दिल्ली दंगों में निलंबित AAP पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका को कम दिखाने का भी आरोप लगाया। जाँच एजेंसी ने कहा कि कप्पन अपनी लेखनी में प्रतिबंधित संगठन सिमी के आतंक को नकारता रहा था। 

पुलिस ने ऐसे लोगों के बयान भी चार्जशीट में डाले हैं जो बताते हैं कि कप्पन और रहमान भीड़ को प्रशासन के विरुद्ध भड़काने में लगे थे। इस चार्जशीट में एसटीएफ ने मलयालम में लिखे उसके आर्टिकल और उनके अनुवाद के सैंकड़ों पन्ने जमा किए हैं। इसके साथ कॉल रिकॉर्ड, पीएफआई पदाधिकारियों के खातों में लेनदेन का विवरण भी प्रस्तुत किया गया है।

इसमें मंट टोल प्लाजा के इन्चार्ज  ज्ञानेंद्र सिंह सोलंकी का भी बयान है जहाँ उन्होंने कप्पन और रहमान के पीएफआई से जुड़े होने की बात, हाथरस जाते समय उनके पास से मिले 1,717 भड़काऊ पैम्पलेट बरामद होने की बात कही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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