समाजवादी पार्टी के नेता फिरोज पप्पू की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने खुलासा किया है कि फिरोज पप्पू की हत्या बलरामपुर से सपा के दो बार सांसद रहे रिजवान जहीर ने करवाया है। इस मामले में रिजवान जहीर, उनकी बेटी जेबा औऱ जमाई रमीज को गिरफ्तार किया गया है।
करीब दो महीने पहले रिजवान जहीर ने फिर से सपा की सदस्यता ली थी, जिसके बाद से तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रहे फिरोज पप्पू के बीच गुटबाजी शुरू हो गई थी। दोनों एक दूसरे को पीछे कर सियासत में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस घटना का खुलासा करते हुए बलरामपुर के एसपी हेमंत कुटियाल ने कहा कि फिरोज अहमद उर्फ फिरोज पप्पू की लगातार बढ़ती लोकप्रियता रिजवान जहीर के लिए बड़ा खतरा थी। दरअसल, फिरोज पप्पू तुलसीपुर विधानसभा सीट से सपा के कैंडिडेट के लिए तगड़े दावेदार थे, लेकिन पूर्व सांसद अपनी बेटी जेबा को टिकट दिलाना चाहते थे।
लेकिन जब उन्हें लगा कि उनकी दाल नहीं गलने वाली तो रिजवान जहीर, उनकी बेटी जेबा, जमाई रमीज और शकील ने आपस में मिलकर फिरोज पप्पू की हत्या का षणयंत्र रचा। हत्या की जिम्मेदारी मेहराज और महफूज को दी गई। इसके बाद नए साल में 4 जनवरी 2022 को फिरोज पप्पू की हत्या कर दी गई। यूपी पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कैसे दिया वारदात को अंजाम
जिले के पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल के मुताबिक, 4 जनवरी 2022 की रात 10:20 बजे के करीब फिरोज पप्पू अपने घर जा रहा था उसी दौरान मेराजुल हक उर्फ मामा और महफूज ने उस पर लोहे की रॉड और से अटैक किया। जैसे ही महफूज ने लोहे की रॉड से फिरोज के सिर पर मारा तो वो गिर गया। इसके बाद मेहराज ने चाकू से उसके गले को रेत दिया। करीब एक माह पहले ही हत्या की साजिश बनी थी। इस बीच तीन बार फिरोज को मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन सफल नहीं हो सके थे।
इस हाई प्रोफाइल केस को सॉल्व करने वाली पुलिस टीम को राज्य के अपर गृह सचिव ने एक लाख रुपए का ईनाम देने का भी ऐलान किया था। एसपी हेमंत कुटियाल के मुताबिक, यह हत्या राजनीतिक वर्चस्व और बाहुबल साबित करने के लिए की गई है।