Wednesday, May 14, 2025
Homeदेश-समाज'दूसरी औरत' पर थरूर और सुनंदा में रोज होता था झगड़ा, कॉन्ग्रेस सांसद पर...

‘दूसरी औरत’ पर थरूर और सुनंदा में रोज होता था झगड़ा, कॉन्ग्रेस सांसद पर हत्या का मामला चलाने की मॉंगी इजाजत

17 जनवरी 2014 को दिल्ली के होटल लीला में 51 वर्षीय सुनंदा पुष्कर मृत मिली थीं। मौत के समय उनके शरीर पर मारपीट के छोटे-बड़े मिलाकर 15 निशान थे, जो कम से कम 12 घंटा और अधिक से अधिक 4 दिन पुराने थे।

क्या मरने से पहले सुनंदा पुष्कर अपने पति शशि थरूर के राज खोलना चाहती थीं? दिल्ली पुलिस ने कॉन्ग्रेस सांसद के खिलाफ हत्या का मामला चलाने की इजाजत मॉंगते हुए शनिवार को अदालत को बताया कि सुनंदा आईपीएल मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली थी।

थरूर को आईपीएल की कोच्चि टीम की फ्रेंचाइजी से जुड़े विवाद में घिरने के बाद 2010 में मनमोहन सिंह की कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस के वकील ने बताया कि एक महिला को लेकर मौत से पहले सुनंदा और थरूर के बीच रोज झगड़ा होता था।

उन्होंने अदालत से इस मामले में थरूर के खिलाफ आईपीसी की धारा 498-A (पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा महिला के साथ क्रूरतम व्यवहार) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत आरोप तय करने का आग्रह किया।

दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान सुनंदा के भाई आशीष दास ने भी अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा, “वह (सुनंदा) शादीशुदा ज़िंदगी से खुश थीं। अपने आख़िरी दिनों में वह बहुत परेशान रहने लगी थी। लेकिन वह कभी भी आत्महत्या करने के बारे में नहीं सोच सकती थी।”

पिछली सुनवाई के दौरान भी थरूर पर घरेलू हिंसा के आरोप लगाए गए थे। बताया गया था कि मौत के समय सुनंदा के शरीर पर मारपीट के छोटे-बड़े मिलाकर 15 निशान थे, जो कम से कम 12 घंटा और अधिक से अधिक 4 दिन पुराने थे।

उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के होटल लीला में 51 वर्षीय सुनंदा पुष्कर मृत मिली थीं। उनकी मौत के बाद से पुलिस ने थरूर के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 498-A और धारा -306 के तहत मामला दर्ज किया। फिलहाल वह जमानत पर हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ड्रोन-मिसाइल दाग-दागकर पस्त हो गया पाकिस्तान, पर भारत में इस बार नहीं दिखी युद्ध काल की वह आपाधापी: आर्मी ब्रैट का सैल्यूट स्वीकार करिए...

ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध काल के उस 'भय' को खत्म करने के लिए आर्मी ब्रैट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज रही सैल्यूट।
- विज्ञापन -