Sunday, September 1, 2024
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370 पर सुनवाई: आज़ाद को परमीशन, फारूक पर सवाल, CJI ने कहा- जरूरत पड़ी तो खुद जाऊँगा J&K

एमडीएमके के नेता वाइको की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फारूक अब्दुल्ला की हिरासत को लेकर केंद्र सरकार से 30 सितंबर तक जवाब माँगा। सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया कि अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में रखा गया है।

जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 में बदलाव और उसके बाद के हालात पर हो रही सुनवाई के दौरान एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, “ये मामला गंभीर है, मैं खुद हालात देखने श्रीनगर जाऊँगा।” दरअसल ये मामला बच्‍चों के शोषण से जुड़े मामले की सुनवाई का था। इसमें याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि कश्‍मीर में बंद के चलते वकील हाईकोर्ट नहीं पहुँच पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में वो खुद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से बात करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जम्‍मू कश्‍मीर हाईकोर्ट को नोटिस भी दिया है।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है। इस दौरान वह चार जिलों का दौरा कर सकते हैं। कोर्ट ने आजाद को श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग और जम्मू जाने की इजाजत दी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि गुलाम नबी आजाद इस दौरान न ही कोई भाषण देंगे और न ही कोई सार्वजनिक रैली करेंगे। 

एमडीएमके के नेता वाइको की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फारूक अब्दुल्ला की हिरासत को लेकर केंद्र सरकार से 30 सितंबर तक जवाब माँगा। सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया कि अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में रखा गया है।

जम्मू-कश्मीर पर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा अनुच्छेद 370 के निरस्त हो जाने के बाद से एक गोली भी नहीं चलाई गई। केंद्र ने बताया कि प्रदेश के 88 प्रतिशत से अधिक थाना क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। फिलहाल, कुछ स्थानीय प्रतिबंध लगे हैं। प्रतिबंधित इलाकों में पहुँच के लिए मीडिया को ‘पास’ दिए गए हैं और पत्रकारों को फोन और इंटरनेट की सुविधा भी मुहैया कराई गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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