भारत में हुई नोटबंदी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज (2 जनवरी 2023) अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सरकार के निर्णय को उचित बताते हुए कहा कि आर्थिक मामलों से जुड़े फैसलों को नहीं पलटा जा सकता।
कोर्ट ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि सरकार द्वारा नोटबंदी का फैसला लेते हुए अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी इसलिए उस अधिसूचना को रद्द करने की आवश्यकता नहीं है।
Supreme Court says there was consultation between the Centre and the RBI before demonetisation. There was a reasonable nexus to bring such a measure, and we hold that demonetisation was not hit by doctrine of proportionality, says Supreme Court.
— ANI (@ANI) January 2, 2023
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 12 अक्टूबर को सुनवाई शुरू हुई थी, जिसके बाद जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यम और बीवी नागरत्ना की संवैधानिक बेंच ने 7 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज उस पर अपना फैसला सुनाया।
SC upholds 2016 Demonetisation | Supreme Court says RBI does not have any independent power to bring in demonetisation and the decision was taken after the consultation between the Centre and RBI.
— ANI (@ANI) January 2, 2023
फैसले के दौरान बीवी नागरत्ना बाकी जजों के निर्णय से असहमत कहे। लेकिन कोर्ट ने जजों के बहुमत के आधार पर अपना फैसला लिया। कोर्ट ने कहा कहा कि आरबीआई के पास स्वतंत्र रूप से इतनी ताकत नहीं है कि वो नोटबंदी करें। ये फैसला सरकार और आरबीआई के आपसी सलाह-मशवरे के बाद लिया गया।
SC on Demonetisation | Justice BV Nagarathna differs from the majority view and writes a dissenting judgment.
— ANI (@ANI) January 2, 2023
इस पूरे मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट पी चिदंबरम ने दलील पेश की थी। उनका कहना था कि अगर जो हुआ उसे सही नहीं किया जा सकता तो फिर कोर्ट को भविष्य के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए ताकि ऐसा दुस्साहस दोबारा न हो। पी चिदंबरम की तरह कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रशांत भूषण ने भी दलीलें दी थीं।
हालाँकि भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटमणि ने केंद्र की ओर से कहा कि यह निर्णय काले धन, फर्जी करेंसी और आतंक के वित्त पोषण की बुराइयों को रोकने के लिए लिया गया था। केंद्र की ओर से यह भी बताया गया कि यह निर्णय बहुत सोच समझ कर लिया गया था। नोटबंदी के 9 महीने पहले से इस बारे में आरबीआई से राय-मशवरा लिया जा रहा था। अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने नोटबंदी के पक्ष में ये भी कहा कि ये इससे न केवल डिजिटल इकोनॉमी अच्छी हुई है बल्कि टैक्स कलेक्शन में भी सुधार आया है।
बता दें कि इस मामले में RBI ने भी कोर्ट को बताया कि विमुद्रीकरण से पहले उचित प्रक्रिया अपनाई गई थी। सीनियर एडवोकेट जयदीप गुप्ता के माध्यम से उन्होंने कहा कि यह फैसला केंद्र बैंक द्वारा दी गई सिफारिशों पर लिया गया है।