सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद किसान गाजीपुर बॉर्डर खाली करने लगे हैं। दरअसल, कोर्ट ने गुरुवार (21 अक्टूबर 2021) को किसान आंदोलन के चलते दिल्ली बार्डर पर रास्तों के बंद होने को लेकर सुनवाई की।
इस दौरान शीर्ष न्यायालय ने एक बार फिर दोहराया कि लोगों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन सड़कें ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने किसान संगठनों से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर 2021 को होगी।
हालाँकि, अदालत के फैसले के बाद किसानों ने बीच रास्ते से अपना तंबू उखाड़ना शुरू कर दिया है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने कोई रास्ता नहीं रोका था। रास्ता पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका था। हम लोग अब दिल्ली कूच कर रहे हैं, इसलिए पुलिस बैरिकेडिंग्स हटा रहे हैं। इस दौरान पुलिस के साथ किसानों की झड़प की खबर भी सामने आई है।
बताया जा रहा है कि किसान नेताओं से जब सवाल किया गया कि वे गाजीपुर बॉर्डर से अब कहाँ जाएँगे तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में संसद के बाहर जाएँगे, जिसने कानून बनाया है उसी के घर के बाहर बैठेंगे।
राकेश टिकैत बोलते-बोलते यहाँ फिर से खेल गए और कहने लगे बैरिकेडिंग पुलिस ने लगा रखी है। पुलिस हटा ले। पुलिस हटा लेगी तो ट्रैफिक निकल जाएगा। हमारा लगा नहीं हैै। गाड़ी निकल सकती है। पुलिस ने रोक रखा है, हम ये दिखाना चाह रहे है कि किसने रोक रखा है। सुप्रीम कोर्ट में भी हमने यही कहा था।
जबकि सच्चाई ये है कि यूपी गेट पर जहाँ मीडिया को बैठने के लिए टेंट लगाया गया था, उसी के कुछ हिस्से को हटा दिया गया और उसके पीछे लगी बेरिकेड को मीडिया को दिखाया जाता रहा। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि यूपी गेट पर हमने अपने हिस्से का बेरिकेट हटा दिया है, अब यदि दिल्ली पुलिस हटा ले तो ट्रैफिक निकल जाएगा। इस सवाल पर कि दिल्ली पुलिस ने इसे किसानों के चलते बंद किया है? तब टिकैत बोले कि सड़क चलने के लिए है, किसी को इस पर चलने से रोकने के लिए नहीं।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग को लेकर करीब एक साल से राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान आंदोलन किया जा रहा है। इसके कारण दिल्ली बॉर्डर से आवाजाही करने वाले लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध शुरू हुआ ‘किसान आंदोलन’ अब भी जारी है। इसको लेकर राकेश टिकैत लगातार उलूल-जुलूल बयान देते रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काले हैं तो नरेंद्र मोदी पूरे देश के लिए ‘काला’ है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पहुँचे राकेश टिकैत ने 13 अक्टूबर को यह बयान दिया। उन्होंने कहा था, “कृषि कानून आज नहीं तो एक साल बाद हटेंगे।”