Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाज'सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएँगे उस किताब के पन्ने, पता चलेगा कौन है असली...

‘सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएँगे उस किताब के पन्ने, पता चलेगा कौन है असली हेटमोंगर्स’: नोटिस के बाद ‘हिन्दू शेर सेना’ का ऐलान – जुबैर को करेंगे बेनकाब

"सुप्रीम कोर्ट में जवाब के साथ उस विशेष किताब के पन्नों की फोटो कॉपी लगा कर संतो से पहले उस किताब को हेट मोंगर पुस्तक घोषित करने की माँग की जाएगी।"

जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज सात मामलों की जाँच के लिए विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया। वहीं सीतापुर के मामले में मोहम्मद ज़ुबैर सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। जिसमें सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट FIR दर्ज करवाने वाले हिन्दू शेर सेना के जिला अध्यक्ष भगवान शरण, यूपी सरकार, एसपी समेत 5 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा गया है।

इस मामले में हिन्दू शेर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास हिन्दू ने वीडियो जारी कर के जुबेर को सोशल मीडिया का आतंकी कहा और उसके खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया। अपने बयान में मोहम्मद ज़ुबैर को बेनकाब करते हुए किसी किताब का हवाला देते हुए असली हेट मोंगर्स का खुलासा करने का दावा किया है। अपने वीडियो बयान में मोहम्मद ज़ुबैर को हिन्दू संतों का अपमान करने वाला एवं देश का माहौल बिगाड़ने वाला बताया।

बता दें कि यूपी में मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ दर्ज सात मामलों में से दो मामले हाथरस जिले में जबकि एक-एक मामला सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और दिल्ली में दर्ज है। हिन्दू शेर सेना इस मामले में वीडियो बयान के साथ एक पत्र भी जारी किया है। जिसमें विस्तार से अपनी बात रखी है।

हिन्दू शेर सेना का बयान-1

इसमें सीतापुर का मामला यति नरसिंहानंद और बजरंग मुनि को हेट मोंगर्स अर्थात नफ़रत फैलाने वाला बताने पर FIR दर्ज करवाया गया था। इस मामले में जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर अंतरिम जमानत दे दी है। वहीं दूसरे पक्ष से जुड़े सभी को नोटिस जारी किया है।

हिन्दू शेर सेना का बयान-2

सीतापुर में FIR करवाने वाला संगठन हिंदू शेर सेना घोषणा करते हुए अपने बयान में कहा है, “सुप्रीम कोर्ट के इसी मुकदमें में हम दुनिया को असली हेट मोंगर से परिचित करवाएँगे। यदि यति नरसिंहानंद और बजरंग मुनि के कुछ बयान आपत्तिजनक हैं तो वो किताब भी हेट मोंगर घोषित हो जो हम हिंदुओं को काफिर बताते हुए हमारे कत्ल का आदेश देती है।”

अपने वीडियो बयान उन्होंने उन्होंने कहा, “जिस किताब को पढ़कर हिन्दुओं की हत्या की गई, कमलेश तिवारी, कन्हैयालाल को मारा गया, नूपुर शर्मा को धमकी दी गई। उस किताब के पन्ने हम सुप्रीम कोर्ट में लगाएँगे।”

विकास हिन्दू ने अपने बयान में कहा, “सुप्रीम कोर्ट में जवाब के साथ उस विशेष किताब के पन्नों की फोटो कॉपी लगा कर संतो से पहले उस किताब को हेट मोंगर पुस्तक घोषित करने की माँग की जाएगी।”

उन्होंने ज़ुबैर द्वारा यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि सहित हिन्दू संतों को हेट मोंगर्स कहने पर ज़ुबैर से सवाल पूछा की आपने कभी ओवैसी, जाकिर नायक, मदनी को हेट मोंगर्स क्यों नहीं कहा जिन्होंने हिन्दुओं के खिलाफ कई भड़काऊ बयान दिए। क्या उनके बयान नफरत फैलाने वाला नहीं है।

हिन्दू शेर सेना ने सभी संतों से इस लड़ाई में अपना साथ देने की बात कही। उन्होंने अंत में कहा, “चाहे उस किताब की सच्चाई उजागर करने में मेरे जान क्यों न चली जाए लेकिन सच सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से दुनिया के सामने आएगा।” उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि उस किताब पर सवाल उठाने से मेरे ऊपर भी हमले होंगे लेकिन हिन्दू शेर सेना डरने वाली नहीं है।”

गौरतलब है कि जुबैर को एक हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया था। सीतापुर के खैराबाद थाने में आईपीसी की धारा 295ए और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश में सीतापुर पुलिस ने यति नरसिंहानंद और बजरंग मुनि दास के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक ट्वीट करने से जुड़े एक मामले में उन्हें हिरासत में लेने का अनुरोध किया था। वहीं जुबैर को राहत देते हुए अंतरिम जमानत की अवधि अगले आदेश तक बढ़ा दी है। मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -