Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजएक केस में 'अहंकार की बू', दूसरे में निष्पक्ष जाँच की सलाह: नूपुर शर्मा...

एक केस में ‘अहंकार की बू’, दूसरे में निष्पक्ष जाँच की सलाह: नूपुर शर्मा और जुबैर मामले में सुप्रीम कोर्ट की अलग-अलग टिप्पणियाँ, देखें क्या-क्या कहा

नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनकी टिप्पणी उनके अहंकार को दिखाता है, जबकि जुबैर के मामले में कोर्ट ने कहा कि जुबैर कानून के तहत जवाबदेह है। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के मामले में कहा था कि उन्हें टीवी पर आकर पूरे देश से माफी माँगनी चाहिए। जुबैर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह नहीं कह सकता कि वह आगे ट्वीट नहीं करेगा।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में ऑल्ट न्यूज (AltNews) के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने जुबैर पर दर्ज सभी मामलों को क्लब करने का आदेश दिया है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी 6 मामलों में अंतरिम जमानत दी है। साथ ही उस पर दर्ज सभी मामलों को क्लब कर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जुबैर पर जमानत के लिए शर्तों करने की माँग को भी खारिज कर दिया।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “हम एक पत्रकार को कैसे बता सकते हैं कि वे क्या लिखे?” उधर कोर्ट में UP पुलिस ने कहा कि जुबैर कोई पत्रकार नहीं है, वो एक फैक्ट चेकर है। जुबैर ऐसा ट्वीट पोस्ट करता जो, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो। जो ट्वीट सबसे ज्यादा वायरल होता है, उसका पैसा अधिक मिलता है।

सुप्रीम कोर्ट के इस तमाम दलीलों को इंडिया टुडे के पत्रकार शिव अरूर ने अपने शो में रखा। शिव अरूर ने बताया कि जब नूपुर शर्मा का मामला कोर्ट पहुँचा तो कोर्ट ने क्या और जब जुबैर के मामले में कोर्ट ने क्या कहा। हालाँकि, उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका उद्देश्य कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना नहीं, बल्कि उसे जस का तस लोगों तक पहुँचाना है।

शिव अरूर ने अपने शो में बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा में मामले कहा था कि शर्मा को टिप्पणी करने की जरूरत क्या थी। वहीं, जुबैर के मामले में उसी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुबैर को ट्वीट करने से रोका नहीं जा सकता। यहाँ जानना जरूरी है कि नूपुर शर्मा ने जो हदीस में बातें लिखी गई हैं, उसे टीवी में बहस के दौरान बताया था, जिसे ईशनिंदा करार दिया गया था। वहीं, जुबैर पर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएँ आहत करने का आरोप है।

नूपुर शर्मा के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा का उनका बयान लोगों (मुस्लिमों) को भड़काने के लिए दिया गया था। वहीं, जुबैर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अप्रत्याशित रूप से रोक नहीं लगाई जा सकती।

उसी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा की याचिका में अहंकार की बू आ रही है, जबकि जुबैर मामले में यह पुलिस द्वारा उचित एवं निष्पक्ष जाँच का विषय है। सुप्रीम कोर्ट ने यहाँ तक कह दिया था कि देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ नूपुर शर्मा जिम्मेदार हैं। वहीं, जुबैर मामले में उसी कोर्ट ने कहा कि उसे लगातार हिरासत में रखना उचित नहीं है।

शिव अरूर ने अपने शो में आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की गला काटकर हत्या के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार बताया था, जबकि जुबैर के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे स्वतंत्रता से वंचित रहने का कोई कारण नहीं है।

वहीं, नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनकी टिप्पणी उनके अहंकार को दिखाता है, जबकि जुबैर के मामले में कोर्ट ने कहा कि जुबैर कानून के तहत जवाबदेह है। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के मामले में कहा था कि उन्हें टीवी पर आकर पूरे देश से माफी माँगनी चाहिए। जुबैर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह नहीं कह सकता कि वह आगे ट्वीट नहीं करेगा।

एक ही तरह के दो मामलों ने सुप्रीम कोर्ट ने किस तरह की टिप्पणी ये ऊपर दिए गए बातों से स्पष्ट है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -