सोशल मीडिया पर पिछले दिनों हरतालिका तीज व्रत कथा की पवित्र पुस्तक को ‘टॉयलेट पेपर’ के रूप में प्रयोग करने वाली पत्रकार सुष्मिता सिन्हा के ख़िलाफ़ हिंदू आईटी सेल के एक सदस्य ने दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। मगर, दिल्ली पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
दिल्ली पुलिस के गोविंदपुरी थाने से इसके बदले हिंदू आईटी सेल के सदस्य को एसएचओ से जवाब मिला कि सुष्मिता ने धार्मिक पुस्तक को टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल करके कुछ भी गलत नहीं किया है।
सोमवार को इस मामले में साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समक्ष एक्शन टेकन रिपोर्ट दायर की गई। इस रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने के मामले में पत्रकार के खिलाफ अदालत में दायर शिकायत में कोई अपराध नहीं पाया गया है।
यह रिपोर्ट मेट्रोपॉलिटियन मेजिस्ट्रेट जीतेंद्र प्रताप सिंह के समक्ष गोविंदपुरी पुलिस थाने के एसआई द्वारा दायर की गई। कोर्ट ने इस एटीआर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 23 अक्टूबर को तय की। जहाँ शिकायतकर्ता को अपनी दलील रखने का मौका दिया जाएगा।
इस खबर पर हिंदू आईटी सेल ने ट्वीट करके पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा,” हिंदू आईटी सेल के सदस्य आशुतोष द्वारा सुष्मिता सिन्हा के ख़िलाफ़ शिकायत में एसएचओ का कहना है कि हमारी धार्मिक पुस्तक का इस्तेमाल टॉयलेट पेपर के रूप में करके उसने कुछ गलत नहीं किया है। तो क्या पुलिस सोचती है कि हिंदुओं का अपमान करना उचित है?”
In the compliant filed by @iamaashoo of Hindu IT Cell, against the Shushmita Sinha, SHO (Govindpuri) says she commited no crime by using our religious text as toilet paper!! So does police think it’s right to insult Hindus?
— Hindu IT Cell (@HinduITCell) September 16, 2020
@DCPSEastDelhihttps://t.co/bx25T4q2w2
विकास पांडे पूछते है, “हमारे वकील मुकेश शर्मा, सुष्मिता सिन्हा के ख़िलाफ़ अदालत पहुँचे क्योंकि उसने हमारी पवित्र किताब का अपमान किया। दिल्ली पुलिस ने अपने रिप्लाई में लिखा है कि उनकी पड़ताल में कोई दण्डनीय अपराध नहीं किया गया। क्या वह ये सब तब भी कहते, जब कुरान के साथ ऐसा होता? या ऐसा सिर्फ़ इसलिए क्योंकि यह हिंदुओं के साथ हुआ है?”
वो लिखते हैं, “लेकिन हमें हारना नहीं है। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे आखिरी तक। मुझे विश्वास है माननीय अदालत हमारी याचिका पर सुनवाई करेगी और पुलिस को उसका काम गंभीरता से करने को कहेगी।”
Our lawyer @ThisIsTheMukesh approached Hon Court against Sushmita Sinha as she desecrated our holy book.@DelhiPolice in its reply says “No Criminal Offence was found to have been committed”! Would they say the same had it been the Quran?? Is this because it was done to Hindus? https://t.co/MClmlOQJZg
— Vikas Pandey (@MODIfiedVikas) September 15, 2020
गौरतलब है कि पिछले दिनों अपने यूट्यूब चैनल पर बनाए गए विवादित वीडियो के कारण सुष्मिता सिन्हा चर्चा में आई थी। इस वीडियो में वह हरतालिका तीज की पुस्तक को हाथ में लेकर कहती दिखी थी कि उन्होंने इस ‘रद्दी’ के लिए पूरे 15 रुपए खर्च किए हैं और अब इसका क्या प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने कहा था कि तीज की कथा वाली पुस्तक को वो टॉयलेट पेपर बनाएँगी या टिश्यू पेपर, इस सम्बन्ध में उन्हें सलाह चाहिए।
वीडियो देखने के बाद ‘हिन्दू आईटी सेल’ ने इसका विरोध किया था। अपने ट्वीट में ‘हिन्दू आईटी सेल’ ने जानकारी दी थी कि सुष्मिता सिन्हा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी लगाई, जिसमें उन्होंने दिखाया कि हरतालिका तीज व्रत कथा की पुस्तक उनके टॉयलेट में ‘टॉयलेट पेपर’ की जगह टँगी हुई है।
सुष्मिता सिन्हा के बारे में बताया गया कि वो ‘बोलता हिंदुस्तान’ के लिए काम करती हैं, जो मोहम्मद रहमान के स्वामित्व में है। वैसे ये पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की हरकत की हो। उन्होंने राम मंदिर भूमिपूजन के अगले दिन 6 अगस्त को एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि जो ज़िंदा हैं, उन्हें तो नहीं मिला घर, लेकिन एक पत्थर को मिल गया।
‘हिन्दू आईटी सेल’ ने तब कहा था कि वामपंथियों को सीधे-सादे हिन्दुओं और उनके देवी-देवताओं को गाली देने में खासा मजा आता है।
बता दें कि उत्तर भारत में तीज का पर्व महिलाओं के बीच खासा लोकप्रिय है और उस दिन वो अपने परिवार के सुखद भविष्य के लिए उपवास करती हैं और पूजा करती हैं।