जम्मू-कश्मीर में नौकरानी से धोखे से शादी और रेप करने के दोषी निलंबित सब-जज राजेश कुमार अबरोल को शुक्रवार (17 दिसंबर 2021) को बर्खास्त कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार इस तरह का मामला सामने आया था, जिसको लेकर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद-311 का उपयोग करते हुए इस मामले में कार्रवाई की। कानून एवं संसदीय मामलों के विभाग के सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार, अबरोल की सेवाएँ 21 अक्टूबर 2021 से समाप्त की मानी जाएँगी।
Bar And Bench की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने वर्ष 2018 में कानूनी मदद माँगने वाली एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसे धोखा देने के लिए राजेश अबरोल को रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 420 और 376 (2) (के) के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने 23 अक्टूबर को अबरोल को 10 साल के कठोर कारावास की सजा के अलावा उन पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
क्या है मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दक्षिणी कश्मीर के रामबन की रहने वाली एक महिला ने जम्मू के राजेश अबरोल से मुलाकात कर उनसे कानूनी मदद माँगी थी। उस समय वह अपने पति के खिलाफ कोर्ट में तलाक का केस लड़ रही थी। अबरोल ने महिला को कानूनी मदद देने का वादा किया था। आरोपित ने महिला से कहा था कि वह घर में अकेला रहता है, इसलिए कानूनी मदद के बदले में वह उसके घर में घरेलू सहायक (नौकरानी) के रूप में काम करे, जिसके लिए वह 5,000 रुपए प्रति माह वेतन देगा। अबरोल ने महिला की बेटी की पढ़ाई का खर्चा भी उठाने का वादा किया था। इस दौरान आरोपित ने अपने सिक्योरिटी गार्ड को गवाह बनाकर नोटरी का एक डीड बनाकर महिला का उसके पति से तलाक करवा दिया था।
कुछ समय बाद जब महिला के माता-पिता उसे लेने आए तो अबरोल ने उसे अपने घर से जाने नहीं दिया। निलंबित सब जज ने उसकी माँग में सिंदूर भरकर कहा कि वह आज से उसकी पत्नी है। उसने महिला को बताया था कि वह सात वर्ष से अकेला रह रहा है। उसकी पत्नी से उसका अलगाव हो चुका है। उसने खुद को कानून का जानकार बताकर बताते हुए यह भी कहा था कि वह सभी कानूनी औपचारिकताएँ जानता है। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म भी किया।
पीड़िता का आरोप है कि घर में अपने दोस्त और पीएसओ के सामने एक पंडित को बुलाकर उसने शादी की। शादी के एक वर्ष बाद उसे पता चला कि राजेश दो बार पहले भी शादी कर चुका था। पहली पत्नी से उसका तलाक हो चुका था, जबकि उसकी दूसरी पत्नी अब भी उसकी कानूनन पत्नी है। यह पता चलने के बाद महिला ने 12 जनवरी 2018 को जानीपुर पुलिस स्टेशन में न्यायिक अधिकारी राजेश के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपित न्यायिक अधिकारी था, इसलिए उसकी शिकायत को एसएसपी जम्मू के पास भेजा गया। इसके बाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से अनुमति के बाद कार्रवाई शुरू की गई और उसे दोषी करार दिया गया।