Thursday, April 25, 2024
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मौलाना साद सिर्फ छुप कर बैठा नहीं है, खुद के लिए जुटा रहा समर्थन, फैला सकता है हिंसा: रिपोर्ट्स

“हम अपने लोगों को बता रहे हैं कि एक साजिश के तहत हमारे नेता को फँसाया जा रहा है, जिसने इस्लाम के लिए महान काम किए हैं। हम अपने भाइयों से कह रहे हैं कि वो लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहें।"

तबलीगी जमात का सरगना मौलाना साद, जिसने दावा किया था कि वो कोरोना संक्रमण के चलते एहतियात बरतते हुए क्वारंटीन में है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने समर्थकों के यहाँ छुप कर खुद के लिए समर्थन जुटाने में लगा है। TV9 भारतवर्ष की रिपोर्ट के अनुसार साद, जो जाकिर नगर का रहने वाला है, आजकल दिल्ली के बाहरी इलाके में अपने एक समर्थक के घर में छुपा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया है कि साद खुद के फोन का उपयोग न कर दूसरे फोनों के जरिए लगातार अपने वकीलों से सम्पर्क में बना हुआ है। ये इस्लामिक सरगना अच्छी तरह से जानता है कि किसी घनी बस्ती में छिपकर वो अपनी गिरफ़्तारी से बच सकता है। एक स्रोत के अनुसार पुलिस एक्शन लेने में हुई देरी के कारण साद को छिपने का पर्याप्त मौका मिल गया। पुलिस ने जब उसे नोटिस देते हुए 26 सवालों के जवाब चाहे, उसने खुद के क्वारंटीन में होने का बहाना बनाते हुए उसके बाद ही जवाब देने की बात कही।

रिपोर्ट में एक जमात सदस्य के हवाले से लिखा गया, “हम अपने लोगों को बता रहे हैं कि एक साजिश के तहत हमारे नेता को फँसाया जा रहा है, जिसने इस्लाम के लिए महान काम किए हैं। हम अपने भाइयों से कह रहे हैं कि वो लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहें।”

यह भी आशंका जताई जा रही है कि साद अपनी गिरफ्तारी पर अशांति और हिंसा फ़ैलाने की कोशिश कर सकता है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मौलाना साद ने उन मजहबी धर्मगुरुओं की भी बात नहीं मानी, जिन्होंने उसे निजामुद्दीन क्षेत्र में 13-15 मार्च के बीच धार्मिक जलसा न करने की सलाह दी थी। साद की जिद और 3400 जमातियों की ऐच्छिक भागीदारी के कारण आज आम लोगों की जान पर बन आई है।

तबलीग़ी जमात का एक सदस्य मोहम्मद आलम सीधे तौर पर मौलाना साद को इस सबका जिम्मेदार ठहराते हुए कहता है कि मौलाना साद ने अपने अज्ञान और जिद के कारण समुदाय विशेष को इस महामारी के मुँह में ढकेल दिया है। लियाकत अली खान नाम का दूसरा व्यक्ति सवाल करता है कि वो छिपा क्यों बैठा है, क्यों नहीं अपनी वायरस जाँच करवा रहा?

हालाँकि इस तमाशे के कर्ताधर्ता के एक सहयोगी मौला हैरिस ने सरकार को इस सबका जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार ने विदेशियों को भारत आने ही क्यों दिया? यहाँ यह स्पष्ट करना जरूरी है कि सरकार ने इन विदेशियों को टूरिस्ट वीजा दिया था, जिन्होंने वीजा नियमों का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए इस जमात के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। अब एक्शन लेते हुए इस कार्यक्रम से संबंधित 960 लोगों के वीजा को निरस्त तथा ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

शनिवार को स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी थी कि 17 राज्यों में अब तक 1023 कोरोना संक्रमण के ऐसे केसेस की पुष्टि हुई है, जिनका संबंध तबलीगी जमात के दिल्ली मरकज में हुए कार्यक्रम से है। COVID-19 के कुल मामलों में तबलीगी जमात के कारण हुए संक्रमण की संख्या जहाँ 30% है, वहीं उत्तर प्रदेश के कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों में से भयावह ढंग से 50% मामले तबलीगी जमात से ही संबंधित हैं।

इससे पहले व्हाट्सअप पर एक फेक मैसेज वायरल था, जिसमें दावा किया गया था कि 28 मार्च को मौलाना साद ने पीएम मोदी रिलीफ फंड में एक करोड़ रुपए दान किए हैं, इस झूठी रिपोर्ट के अनुसार मौलाना साद ने अपना योगदान गुप्त रखा था। यह झूठा प्रोपेगेंडा एक और साक्ष्य है कि किस प्रकार समाज के कुछ सेक्शन साद के लिए समर्थन जुटाने में जुटे हैंस जिससे उसे गिरफ्तारी से बचाया जा सके।

तब्लीग़ी जमात के मौलाना साद ने एक ऑडियो भी रिलीज किया था, जो शायद किसी स्टूडियो में रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें वो अपने से समर्थकों से अपील करता हुआ सुना जा सकता है कि प्रशासन और डॉक्टरों से सहयोग करो, और इस बीमारी से डरने की बजाय अल्लाह का नाम लो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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