मुबई 26/11 आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को गुरुवार (10 अप्रैल, 2025) को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। फिलहाल राणा राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की हिरासत में हैं। इस दौरान तहव्वुर राणा मजहबी गतिविधियों में विशेष रुचि रख रहा है। कैद में होते हुए भी वे दिन में पाँच बार नमाज़ अदा करता है।
NIA के मुताबिक, तहव्वुर राणा एक मजहबी व्यक्ति हैं। उसने कैद में रहते हुए कुरान की एक प्रति और कागज-कलम की माँग की थी। अधिकारियों ने सुरक्षा के दायरों को ध्यान में रखते हुए उसकी माँग को पूरा किया। एक अधिकारी कहते हैं, “उसने कुरान माँगी थी जो दे दी गई है। उसे दिन में पाँच बार नमाज़ पढ़ते हुए देखा गया है।” इसके अलावा अभी तक राणा ने कोई और विशेष माँग नहीं की है।
तहव्वुर राणा को अभी दिल्ली के सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित मुख्यालय में हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। यहाँ 24 घंटे उसकी निगरानी की जा रही है। राणा को किसी तरह ही विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है। कानून के तहत सामान्य आरोपितों की तरह ही ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने ही तहव्वुर राणा के मामले सुनवाई के दौरान 18 दिनों की हिरासत के तहत NIA मुख्यालय भेजा था। अदालत ने आदेश दिया था कि राणा को हर दूसरे दिन दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) द्वारा नियुक्त वकील से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
DLSA ने अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को अदालत में राणा की तरफ से बोलने के लिए नियुक्त किया है। इसके अलावा हर 48 घंटे में उनका मेडिकल जाँच भी होगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, NIA की टीम अब राणा से गहन पूछताछ कर रही है जाँच के मुख्य बिंदु डेविड कोलमैन हेडली से उसके संबंध और हमलों की साजिश में उसकी भूमिका को समझने पर केंद्रित हैं। एजेंसी वो सारे सूत्रों और संपर्कों की पड़ताल में जुटी हुई है जो हमलों की बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण रोकने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया। भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों को राणा की सुरक्षा और जरूरी सुविधाओं का पूरा भरोसा दिलाया है।