उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल हुए दंगों के आरोपितों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही मारने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दो हिंदू आरोपितों को मर्करी (पारा) देकर मारने की साजिश रची गई थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पूरी साजिश का भंडाफोड़ किया है।
पत्रकार राजशेखर झा ने ट्वीट कर बताया है कि शाहिद नाम का एक सजायाफ्ता कैदी इसे अंजाम देने वाला था। आज तक ने स्पेशल सेल के सूत्रों के हवाले से बताया है कि शाहिद ने जेल में रहते प्लान बनाया था। उसने जेल के बाहर मौजूद असलम से मरकरी की डिमांड की थी। साजिश की भनक लगने पर स्पेशल सेल ने टेक्निकल सर्विलांस रखना शुरू किया और साजिश को नाकाम किया। मरकरी के साथ आरोपित को दबोच लिया।
The jailed convict has been identified as Mohammad Shahid. He has been re-arrested in this case along with associate for plotting the assassination of Delhi riot accused in Tihar jail. https://t.co/ZaNmiIbcUF
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) March 4, 2021
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शाहिद ने 2015 में दिल्ली के ख्याला में महिला से बलात्कार किया था। उसके बाद महिला और उसके 2 बच्चों की हत्या कर दी थी। राजशेखर झा के मुताबिक जिनकी हत्या की जानी थी उन्हें दंगों के दौरान एक हत्या और मस्जिद को निशाना बनाने की घटना में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया है कि मर्करी जब्त कर पुलिस ने दोनों आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 से 25 फरवरी के दौरान हिंदू विरोधी दंगों में करीब 53 लोग मारे गए थे। 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। मारे गए लोगों में 15 साल के लड़के से लेकर आईबी के कॉन्स्टेबल तक थे। कुछ ने अपनी आँखों के सामने जीवन भर की कमाई को स्वाहा होते देखा। दंगाइयों ने न हिंदुओं की संपत्ति को छोड़ा था न उनके धार्मिक स्थलों को।
दंगों की अब तक की जॉंच से यह बात सामने आई है कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में हिंसा को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग की गई थी। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दंगों को लेकर पहले से ही तैयारी की गई थी। ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी सहित 18 के खिलाफ दंगों के सिलसिले में पिछले दिनों ही दिल्ली की एक अदालत ने यूएपीए के तहत आरोपों का संज्ञान लिया था।