Friday, April 26, 2024
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₹793 करोड़ की लागत, अंदर 500 डिवाइस: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 4 गुना बड़ा होगा ‘महाकाल लोक’, QR कोड स्कैन करके सुनाई पड़ेगी भगवान शंकर की महिमा

महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट की कुल लागत 793 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को फाइनल टच दिया जा चुका है। पहले चरण में महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलपमेंट समेत मुख्य द्वार, नाइट पार्क व अन्य विस्तार शामिल हैं।

यूपी के वाराणसी स्थित विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल कॉरिडोर को भी विकसित किया जा रहा है। इस कॉरिडोर को ‘महाकाल लोक’ नाम दिया गया है। नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर, जनता को समर्पित करेंगे। यहाँ लोगों को भगवान शंकर के विभिन्न रूपों के बारे में बताया जाएगा।

महाकाल लोक में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सुविधाओं का आयोजन किया गया है। यहाँ श्रद्धालु भगवान शंकर की महिमा को कथाओं के रूप में रूप में सुन सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को ‘उमा’ नाम का ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद मोबाइल पर ही भगवान शंभू कि कहानियाँ ऑडियो फॉरमेट में श्रद्धालु सुन सकेंगे।

उमा ऐप को डाउनलोड करने के लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। जिस मूर्ति का क्यूआर कोड स्कैन किया जाएगा, उसके बारे में उमा ऐप जानकारी देने लगेगा। महाकाल लोक में ऐसे 500 डिवाइस लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही ऑडियो फॉरमेट को भी तैयार कर लिया गया है।

अगर श्रद्धालु पूरी कहानी ऑडियो के माध्यम से जानना चाहते हैं तो महाकाल मंदिर के ‘नंदी द्वार’ के सामने बने ऑफिस से शुल्क देकर ऑडियो डिवाइस लेना होगा। इसको स्कैन करते ही दर्शनार्थी शिव महिमा की पूरी कथा जान सकेंगे।

महाकाल लोक में 52 म्यूरल, 80 स्कल्प्चर और 200 मूर्तियाँ हैं। इनके माध्यम से भगवान शिव की लीला को बताया गया है। इन्हें स्कैन करते ही भाषा सेलेक्शन का विकल्प आएगा। आप अपनी मनपसंद भाषा में उसे सुन सकते हैं। शुरुआत में हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी भाषा को शामिल किया गया है।

बता दें कि महाकाल कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद महाकाल मंदिर पहले से कहीं अधिक अधिक भव्य दिखाई दे रहा है। महाकाल कॉरिडोर शुरू होने के बाद यहाँ दर्शनार्थियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 11 अक्टूबर को इस कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे।

मध्य प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक उज्जैन में इस कॉरिडोर के बनने के बाद महाकाल मंदिर परिसर दस गुना अधिक बड़ा हो गया है। पहले यह सिर्फ 2 हेक्टेयर में फैला हुआ था लेकिन अब यह 20 हेक्टेयर में फैल चुका है। उत्तर प्रदेश का काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 5 एकड़ में बना हुआ है, यानी महाकाल कॉरिडोर उससे 4 गुना अधिक बड़ा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 सितंबर 2022 को बताया कि इस महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए बताया था, “आज हमने जो काम देखा है, उस से मैं संतुष्ट हूँ। 11 अक्टूबर को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल महाराज की नगरी पधारेंगे और प्रथम चरण के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। हम आज से ही तैयारियाँ प्रारंभ कर रहे हैं।”

महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट की कुल लागत 793 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को फाइनल टच दिया जा चुका है। पहले चरण में महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलपमेंट समेत मुख्य द्वार, नाइट पार्क व अन्य विस्तार शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट महाकाल मंदिर की तस्वीर की पूरी तरह बदल देगा। इस प्रोजेक्ट के दर्शनार्थियों को दो लाभ होने वाले हैं – पहला यह कि दर्शन बेहद आसान होंगे और दूसरा, दर्शन के साथ ही धार्मिक पर्यटन भी किया जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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