Saturday, May 17, 2025
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नाम: नूर मुहम्मद, काम: रोहिंग्या-बांग्लादेशी महिलाओं और बच्चों को बेचना; 36 घंटे चला UP पुलिस का ऑपरेशन, पकड़ा गया गिरोह

"पूछताछ के दौरान नूर मोहम्मद ने बताया कि उसका एक अन्य साथी उसे दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लेने के लिए आएगा। इसके बाद हमने उसे भी हिरासत में लिया। दो लड़कियों को रेस्क्यू किया गया, जो नाबालिग हैं। इनमें से एक 16 साल औऱ दूसरी 18 साल की है। दोनों ही म्याँमार की रहने वाली है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे मानव तस्करी के बड़े और सुसंगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यूपी एटीएस के 30 से अधिक अधिकारियों द्वारा 36 घंटे से भी अधिक लंबा ऑपरेशन चलाकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस अभियान के तहत एटीएस ने कुल 6 लोगों से पूछताछ की है। 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है औऱ एक की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार किए गए मानव तस्करों के पास से मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बांग्लादेश की नागरिकता, रेलवे के टिकट और UNHCR के कार्ड की फोटोकॉपी मिली है। इसके अलावा 5 बांग्लादेशी टका औऱ 24,480 रुपए भी बरामद किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, एटीएस को लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी के इनपुट मिल रहे थे कि ये लोग बांग्लादेश और म्याँमार के लोगों को अवैध तरीके से भारत लाकर उन्हें दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा जैसी जगहों पर बसाते थे। इतना ही नहीं आरोपित इन लोगों के फर्जी पहचान प्रमाणपत्र भी तैयार करवाते थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति (साभार: उत्तर प्रदेश पुलिस)

इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश के डीजी (कानून व्यवस्था) ने बताया, “एटीएस की निगरानी के दौरान यह पता चला कि मानव तस्करी के इस गिरोह का सरगना नूर मोहम्मद उर्फ नूर इस्लाम कुछ रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर ब्रम्हपुत्र मेल से दिल्ली आ रहा है। इसके बाद गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर एटीएस की टीम ने पाँच व्यक्तियों को उतारकर उनसे पूछताछ की। वह इन लोगों को शादी, नौकरी और बेहतर जिंदगी का लालच देकर लाता था औऱ य़हाँ बेच देता था। इसके बदले उसे बड़ी मात्रा में फंडिंग हो रही थी।”

डीजी ने आगे कहा, “पूछताछ के दौरान नूर मोहम्मद ने बताया कि उसका एक अन्य साथी उसे दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लेने के लिए आएगा। इसके बाद हमने उसे भी हिरासत में लिया। दो लड़कियों को रेस्क्यू किया गया, जो नाबालिग हैं। इनमें से एक 16 साल औऱ दूसरी 18 साल की है। दोनों ही म्याँमार की रहने वाली है। इनको लखनऊ के आशा ज्योति केंद्र भेज दिया गया है।”

इसके अलावा इनमें से एक व्यक्ति की तस्करी की जा रही थी, उसे बचा लिया गया था। एटीएस की टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें नूर मुहम्मद उर्फ नूर इस्लाम इस गिरोह का सरगना है। ये मूलत: बांग्लादेश का रहने वाला है औऱ वर्तमान में त्रिपुरा में रहता है। दूसरा रहमत उल्ला है, जो कि म्याँमार का रहने वाला है औऱ वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में रह रहा है। इसके अलावा तीसरा आरोपित शबीउर्रहमान उर्फ शफीउल्लाह है, जो म्याँमार का नागरिक है।

इन सभी के खिलाफ एटीएस के थाने में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 370 औऱ 120 B के तहत केस दर्ज किया गया है। एटीएस की टीम अब इन तीनों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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