उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के विश्नोईवाला गॉंव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए मंदिर जा रहे लोगों पर मजहबी भीड़ में जमकर पथराव किया। घटना मंगलवार (1 अक्टूबर) की है। बताया जाता है कि लोगों ने घरों की छत पर पहले से ही पत्थर जमा कर रखे थे।
ख़बर के अनुसार, लगभग तीन महीने पहले गॉंव के वर्षों पुराने हनुमान मंदिर की मूर्ति को कुछ असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया था। हालाँकि, ग्रामीणों ने इस घटना के बारे में कोई शिक़ायत नहीं की थी। मंगलवार को, ग्रामीणों ने मंदिर में हनुमान जी की नई मूर्ति स्थापित करने के लिए जुलूस निकाली।
इसी दौरान शकील, सलीम, ताहिर और कई अन्य लोगों के नेतृत्व में एक मजहबी भीड़ ने कथित रूप से हिंदू भक्तों को रोक दिया और नई मूर्ति की स्थापना पर आपत्ति जताई। हालाँकि, हिंदू भक्त उन्हें समझाने के बाद आगे बढ़ गए। इसके बाद मजहबी भीड़ ने कथित रूप से जुलूस पर पथराव किया। इसमें कम से कम सात लोग घायल हो गए। हनुमान जी की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे। पुलिस ने 18 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है और तीन लोगों सहित 10 लोगों को हिरासत में भी लिया है।
थाना कोतवाली देहात पुलिस द्वारा ग्राम विशनोई वाला में दूसरे समुदाय पर पथराव करने वाले 10 वांछित अभियुक्तो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया । #Uppolice @Uppolice @adgzonebareilly @digmoradabad pic.twitter.com/D38cGFLAVE
— Bijnor Police (@bijnorpolice) October 2, 2019
पथराव मामले में गिरफ़्तार सगीर अहमद, नईम, सद्दीक अहमद, रियाज़ अहमद, इरफ़ान अहमद, असगर, शबाना, नईमा और शमा को हिरासत में लिया गया है।
जागरण की ख़बर के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस जाँच में पाया गया है कि पथराव की योजना पहले से बनाई गई थी। पत्थर और ईंटों के ढेर क्षेत्र के लोगों की छतों में इकट्ठे पाए गए। तलाशी के दौरान घरों की छत में ईंट-पत्थर के ढेर मिले।
इससे पहले, बिजनौर के राम चौराहे पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर की कमिटी ने 31 जुलाई 2019 को समुदाय विशेष के दो युवकों को उस समय रंगे हाथों पकड़ लिया था, जब दोनों माथे पर टीका लगा मंदिर में घुस गए और वहाँ की मूर्तियों को तोड़ने लगे। इस दौरान मूर्तियों के टूटने की आवाज़ें बाहर आ रही थीं। तभी लोगों ने मौक़े पर पहुँचकर दोनों युवकों को रंगे हाथों पकड़ लिया। लोगों का कहना है कि समुदाय के दोनों युवकों ने माथे पर टीका लगा रखा था, जिससे उन पर कोई शक़ न करे कि वो हिन्दू नहीं हैं।