उत्तर प्रदेश के बरेली की अदालत ने डॉक्टर इकबाल अहमद को अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 9 साल की बेटी की गवाही पर उसे सजा सुनाई गई। 2021 में इकबाल की पत्नी निशा फँदे से लटकी मिली थी। उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। फिर आत्महत्या का रूप देने के लिए फँदे से लटका दिया गया। इकबाल ने हिंदू पहचान के साथ निशा से शादी की थी और बाद में उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव डालने लगा था। बात नहीं मैंने पर दो लोगों के साथ मिलकर हत्या कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट ने इकबाल, उसके जीजा यासीन और सहयोगी मिसरियार खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने तीनों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। सरकारी वकील सचिन जायसवाल ने बताया, “इकबाल की नौ साल की बेटी की गवाही ने आरोपित को सजा दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई। बेटी ने अदालत में कहा था कि उसकी माँ टीवी देख रही थी, तभी उसके पिता ने दो लोगों के साथ मिलकर उन्हें मार डाला।”
राजू बन इकबाल ने की थी शादी
इकबाल ने खुद को हिंदू और अपना नाम डॉ. राजू शर्मा बताते हुए निशा को प्यार के जाल में फँसाया था। इसके बाद दोनों ने साल 2012 में शादी कर ली। शादी के बाद निशा को इकबाल की सच्चाई का पता। इसके बाद वह निशा पर इस्लाम कबूलने का दवाब बनाने लगा।
लेकिन निशा ने धर्म नहीं बदला था। वह हिन्दू तौर-तरीकों से ही रह रही थी। इकबाल को इससे आपत्ति थी। बाद में यह बात भी सामने आई कि निशा से इकबाल ने दूसरी शादी की थी। जब लगातार दबाव के बाद भी निशा ने इस्लाम नहीं कबूला तो इकबाल अपने जीजा और एक अन्य साथी के साथ मिलकर उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। निशा की माँ ने बताया था कि इकबाल लगातार उनकी बेटी पर मुस्लिम बनने का दबाव डाल रहा था। वह निशा के नाम पर ली हुई संपत्तियों को अपनी पहली बीवी के नाम पर करने की धमकी भी दे रहा था। हत्या के बाद इकाबल फरार हो गया था। साथ ही अपनी बेटियों को मुँह बंद रखने की धमकी भी दी थी।