यूपी पुलिस ने लखनऊ के घंटाघर के पास विरोध-प्रदर्शन के नाम पर उपद्रव कर रहे लोगों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है। हुसैनाबाद में कई महिलाएँ विरोध-प्रदर्शन पर बैठी हैं और उनके कारण क्षेत्र में शांति-व्यवस्था भी ख़राब हो रही है। पुलिस की लगातार चेतावनी के बावजूद वो वहाँ से हटने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को पुलिस ने इस मामले में पाँचवी एफआईआर दर्ज की। दरअसल, ये देश के हर शहर में एक शाहीन बाग़ बनाने की साज़िश का हिस्सा है। इनकी योजना है कि कहीं भी धरने पर बैठ कर स्थानीय लोगों को परेशान किया जाए और मीडिया में सुर्खियाँ बटोरी जाएँ।
लखनऊ पुलिस ने आज कुछ उपद्रवी महिलाओं को हिरासत में लिया है। नागरिकता संशोधन क़ानून के नाम पर उपद्रव कर रही 12 महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। वहाँ समाजवादी पार्टी की भी कई महिला नेत्री विरोध-प्रदर्शन पर बैठ गई थीं, जिन्हें हटाने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। बार-बार चेतावनी के बावजूद बात न मानने के कारण पुलिस ने उपद्रवी महिलाओं को हिरासत में लेने की कार्रवाई की। समाजवादी पार्टी की पूजा शुक्ला का नाम 3 एफआईआर में है, जो वहाँ लगातार उपद्रव कर रही हैं।
इस धरना प्रदर्शन में कई पुरुष भी शामिल थे, जो थोड़ी दूरी पर रह कर ये जताना चाहते थे कि ये सिर्फ़ महिलाओं का विरोध-प्रदर्शन है। वो पुरुष महिलाओं को लगातार उकसा रहे थे। पुलिस ने जब ये देखा तो उन पुरुषों को वहाँ से भगाया गया। पुलिस ने इस बात की सावधानी रखी है कि डर का माहौल न बने। इसलिए, पुलिस धरना स्थल पर सिर्फ़ डंडे लेकर पहुँची थी। उन महिलाओं की जिद है कि वो धरना स्थल पर गणतंत्र दिवस मनाएँगी और झंडा भी फहराएँगी।
ये महिलाएँ क़रीब एक सप्ताह से भी ज़्यादा से वहाँ डेरा जमाए हुए है, जिसके कारण क्षेत्र में लोगों को ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ पुलिस ने 110 उपद्रवियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किया है। इससे पहले 4 एफआईआर ठाकुरगंज पुलिस थाने में दर्ज किए गए थे। इन उपद्रवियों पर दंगा करने, प्रशासन की अवज्ञा करने, अवैध रूप से जुटान करने, स्थानीय लोगों के कामकाज में व्यवधान पैदा करने और ऑन-ड्यूटी अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में देशविरोधी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा था कि पुरुष घर में रहे रजाई ओढ़ कर सो रहे हैं और उन्होंने जानबूझ कर महिलाओं व बच्चों को सड़क पर बैठने के लिए छोड़ दिया है।