देश के अलग-अलग राज्यों में इन दिनों हिंदू मंदिरों का मुद्दा गर्माया हुआ है। ऐसे में उत्तरप्रदेश के कानपुर की मेयर व भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता प्रमिला पांडे ने अपने क्षेत्र में जर्जर अवस्था में पड़े मंदिरों की हालात सुधारने का जिम्मा लिया है। इसी क्रम में सोमवार को वह बाबूपुरवा के गेट नंबर 6 के पास प्राचीन शिव मंदिर का निरीक्षण करने पहुँची और पाया कि वहाँ मूर्तियों को खंडित किया गया था।
स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि मंदिरों से मूर्तियों को हटाया जा रहा है और पूरे मंदिर परिसर में कब्जे की कोशिश हो रही है। स्थानीयों के मुताबिक इस काम को भूमाफियों के जरिए अंजाम दिया जा रहा है। मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है जिसमें माँ पार्वती, हनुमान जी की मूर्तियाँ रखी हुई थीं। लोगों की शिकायतें सुनने के बाद मेयर प्रमिला पांडे ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि जब तक जगह का सत्यापन न हो तब तक वहाँ किसी निर्माण की इजाजत न दी जाए।
मंदिरों को पुननिर्माण के लिए आगे आई भाजपा नेता
बता दें कि इससे पहले कानपुर नगर निगम की ओर से शहर में 124 मंदिरों को चिह्निंत करने का कार्य किया गया था। ये सारे मंदिर वही थे जिनकी हालत जर्जर थी या फिर इन्हें कूड़ा घरों में तब्दील कर दिया गया था। मेयर प्रमिला पांडे इन मंदिरों को दोबारा से पुनर्जीवित करने की कोशिशों में जुटी हैं। 28 मई को प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने बीते शनिवार को 8 मंदिरों का दौरा किया था। मंदिरों की हालत ऐसी थी कि किसी की आँखोों में आँसू आ जाए।
उन्होंने बेकनगंज इलाके में निरीक्षण के दौरान कृष्ण मंदिर से सटकर एक बिरयानी बेचने वाले को फटकार लगाई थी। उन्होंने पूछा था कि अगर कोई मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाता तो तुम्हें कैसे लगता। इसके अलावा उन्होंने हिंदू मंदिरों की हालत सुधरवाने के लिए पुलिस कमिश्नर से भी बात की थी और कहा था कि पुलिस प्रशासन को 124 मंदिरों की लिस्ट सौंपी जाएगी। पुलिस ने भी उन्हें भरोसा दिया था कि वे सभी मंदिरों को मुक्त करवाकर नगर निगम को सौंपेंगे और फिर दीवार बनवाकर गेट लगवाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मीडिया से बातचीत में कानपुर मेयर ने मंदिर मस्जिद विवाद पर अपनी बात रखते हुए बताया था कि कैसे मुगल आक्रांताओं द्वारा मंदिरों को तोड़ डालने का काम हुआ। लेकिन कभी किसी ने मस्जिदों को नहीं छुआ। आज मंदिरों का सर्वे हो रहा है तो हर पुरानी मस्जिद में से मंदिर आ रहे हैं। उन्होंने हिंदू मंदिरों के लिए चलाई जा रही अपनी मुहीन को लेकर कहा कि वो किसी पक्ष से कोई चीज नहीं माँग रहीं लेकिन अपने मंदिरों के लिए कार्य कर रही हैं। अगर इससे किसी को कोई नाराजगी है तो होती रहे।
ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में शिवलिंग पर चली ड्रिल
याद दिला दें कि पिछले दिनों ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावा किया गया था। साथ ही विवादित ढाँचे के परिसर में तमाम हिंदू प्रतीक भी पाए गए थे। इसके बाद कोर्ट ने शिवलिंग की सुरक्षा के आदेश दिए। हालाँकि बाद में पता चला कि उस शिवलिंग पर ड्रिल चलाकर छेद करके उसे खंडित करने की कोशिशें हुईं।
कानपुर के बिल्हौर में मिली थी खंडित मूर्तियाँ
इसके अलावा इससे पहले कानपुर के बिल्हौर में ही मूर्ति खंडित करने का मामला उजागर हुआ था। घटना अरौल रेलवे स्टेशन के पास गूजेपुर रोड पर बने दुर्गा मंदिर की थी। वहाँ चूँकी ताला नहीं पड़ता था तो लोगों ने एक सुबह देखा कि बजरंगबली की मूर्ति का दाहिना हाथ तोड़ दिया गया। वहीं दुर्गा माँ की मूर्ति भी खंडित कर दी गई। इस घटना के बाद इलाके में तमाव फैल गया था और दोबारा मूर्ति स्थापना का आश्वासन देकर स्थिति संभाली गई थी।