उत्तर प्रदेश के जौनपुर में अपराधियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन क्लीन’ के तहत बाहुबली मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों पर शिकंजा कसने लगा है। कुछ दिनों पूर्व नगर कोतवाली से गिरफ्तार किए गए मछली व्यवसाई व माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी रविंद्र निषाद की दूसरी संपत्ति को आज मुनादी बजाकर कुर्क करने की कार्रवाई की गई है।
ऑपरेशन क्लीन के तहत मुख्तार अंसारी गैंग पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने अब तक कुल 47 लोगों के हथियार लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। वहीं, भू-माफियाओं के खिलाफ व्यापक अभियान चलाते हुए सरकारी विभाग के जमीनों के भूलेख की समीक्षा का क्रम भी जारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार डॉन मुख्तार अंसारी पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। गत शनिवार को जौनपुर जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के करीबी सहयोगी मछली माफिया रविन्द्र निषाद की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया था।
तहसीलदार को निषाद की संपत्तियों को सील करने का काम सौंपा गया था और जौनपुर पुलिस की मदद से सरकार द्वारा निषाद के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया। पत्रकार पंकज झा द्वारा साझा किए गए एक वीडियो से पता चला है कि जौनपुर प्रशासन स्थानीय बैंड-बाजे के साथ घोषणा कर संपत्ति सील कर रही है।
#यूपी में मुख़्तार अंसारी गैंग के लोगों की संपत्ति इस तरह गाजे बाजे के साथ ज़ब्त की जा रही है @Uppolice @ABPNews @PrashantK_IPS90 pic.twitter.com/RKrrhRuLNv
— Pankaj Jha (@pankajjha_) July 17, 2020
अवैध मछली का कारोबार
रिपोर्ट्स के अनुसार, 3 जुलाई को, यूपी पुलिस ने जौनपुर के जोगियापुर क्षेत्र में आंध्र प्रदेश से अवैध रूप से ले जाए गए मछली से भरे एक ट्रक को पकड़ा था। मछली माफिया रविन्द्र निषाद और उनके आंध्र के सहयोगी बी नारंग राव को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जानकारी दी है कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के संरक्षण में सालों से निषाद करोड़ों रुपए का अवैध मछली का कारोबार चला रहा है।
आरोप है कि रविंद्र निषाद कुछ हिस्सा अंसारी गैंग को भी देता था, जिस पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया था।
निषाद ने न तो किसी लाइसेंस के लिए आवेदन किया था और न ही अपने किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान का पंजीकरण कराया था। वह कथित तौर पर अंसारी के सक्रिय समर्थन से कारोबार चला रहा है और अंसारी को मुनाफे का हिस्सा देता था।
जाँच के दौरान निषाद की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति के प्रारंभिक विवरण के आधार पर, डीएम जौनपुर ने 3.71 करोड़ की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया था। कुर्की के खिलाफ अपील करने के लिए निषाद को आदेश की तारीख से तीन महीने का समय दिया गया है। सील की गई संपत्तियों में बुलेट बाइक, 2 पिकअप ट्रक, एक घर, दुकान और एक निर्माणाधीन शॉपिंग मॉल, बैंक खातों के अलावा शामिल हैं।
हथियार लाइसेंस रद्द
यूपी पुलिस ने जौनपुर के अलावा गाजीपुर में भी मुख्तार अंसारी के माफिया साम्राज्य के खिलाफ कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अंसारी के कम से कम 4 ज्ञात सहयोगियों के हथियार लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। प्रशासन ने अंसारी के शूटर बृजेश सोनकर की 58 लाख रुपए की संपत्ति को भी सील कर दिया है।
गत 5 जुलाई को, कथित रूप से अवैध भूमि पर निर्मित एक गोदाम को भी ध्वस्त कर दिया गया था। इसका निर्माण कथित तौर पर मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शंस के नाम से किया जा रहा था, जहाँ अंसारी की पत्नी अफसा बेगम और बहनोई आतिफ राजा शेयरहोल्डर थे। 12 जुलाई को, अंसारी के गिरोह के कम से कम 20 सदस्यों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
गाजीपुर के डीएम ओपी आर्य ने भी कहा था कि अंसारी और उनके सहयोगियों के अवैध कब्जे से 33.8 करोड़ रुपए की संपत्ति पहले ही मुक्त हो चुकी है। उनके लाइसेंस रद्द करने के बाद कम से कम 33 हथियार जब्त किए गए हैं और जमा किए गए हैं। अंसारी के साथ मिलकर अवैध कारोबार चलाने वाले कम से कम 17 बदमाशों की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
कौन हैं मुख्तार अंसारी?
अंसारी एक नेता और माफिया डॉन है। वह पहले बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा था। अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से रिकॉर्ड पाँच बार विधायक रहा है। उसे वर्ष 2010 में बसपा से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन बाद में फिर से प्रवेश दे दिया गया। इसके बाद अंसारी ने मऊ से 2017 का विधानसभा चुनाव जीता था।
मुख्तार अंसारी भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में जेल जा चुका है। लेकिन 2019 में गवाहों के मुकर जाने के बाद सीबीआई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी इंडियन नेशनल कॉन्ग्रेस और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष थे।