उत्तर प्रदेश के सीतापुर से सामने आए ईसाई धर्मांतरण मामले में कई खुलासे हुए हैं। पता चला है कि धर्मांतरण के लिए एनजीओ चलाने वाले डेविड के बैंक खातों में लाखों की फंडिंग होती थी। चंदे के रूप में मिलने वाले इन रुपयों का कोई रिकॉर्ड नहीं दिया गया। आरोप है कि डेविड ने FCRA (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) का उल्लंघन किया था। डेविड कई देशों की यात्रा कर चुका है।
सीतापुर से जबरन धर्मांतरण कराए जाने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपित डेविड के तीन बैंक खातों को सीज कर दिया है। जाँच के दौरान पता चला है कि धर्मांतरण के लिए डेविड को बड़े पैमाने पर विदेशी फंडिंग की जाती थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(ASP) एनपी सिंह के मुताबिक डेविड ने FCRA का उल्लंघन किया था। डेविड व उसके एनजीओ को 2014-15 के दौरान अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, केन्या और अर्जेंटीना से भारी फंडिंग हुई थी। जिसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं दिया गया।
जाँच में खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण कराने वालों ने करीब 50 लाख रुपए की संपत्ति बना ली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार साल 2018-19 के बीच एक करोड़ रुपए के दान का पता लगा है। इसे लेकर विस्तार से जाँच की जा रही है।
पुलिस ने डेविड को दान देने वाले 12 सोर्सेस के पता लगाने का दावा किया है। जिसमें कैलिफोर्निया, टेक्सास, दक्षिण कोरिया, केन्या, अर्जेंटीना और ब्राजील के लोग शामिल हैं। सीतापुर से हिरासत में लिया गया रिवाल्डो जोसे डिसिल्वा ही ब्राजील से पैसे भेजने वालों में से एक है। जाँच से पता चला है कि दान के रूप में फंड एक ई-गेटवे के माध्यम से डेविड के खाते में ट्रांसफर किया जाता था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चेन्नई में कैल्वेरी चर्च के माध्यम से ई-गेटवे सुविधा प्रदान की गई थी।
UP Police say arrested pastor David Asthana’s NGO violated FCRA norms: All we know so far about the Sitapur mass conversion rackethttps://t.co/BM480DNnqg
— OpIndia.com (@OpIndia_com) December 23, 2022
डेविड उसकी पत्नी और बाकी सहयोगियों पर गाँव के गरीब व भोले भाले लोगों को नौकरी व पैसे की लालच देकर धर्म परिवर्तन करा ईसाई बनाने का आरोप है। इसके लिए डेविड ने कई जगहों पर संपत्तियाँ खरीदी हैं। आरोप है कि सीतापुर में भी ऐसी ही एक संपत्ति पर बड़े स्तर पर लोगों को जमा कर धर्मांतरण का कार्य किया जा रहा था।
डेविड ने पैसे जुटाने के लिए और धर्मांतरण को रफ्तार देने के लिए तीन देशों की यात्रा भी की। उसने साल 2018 में ब्राजील, 2019 में साउथ कोरिया और अर्जेंटीना की यात्रा की। माना जा रहा है कि ब्राजील यात्रा के दौरान डेविड ने जिन लोगों से फंडिंग के लिए संपर्क किया था, वही लोग बीते दिनों सीतापुर चर्च में आए थे। चर्च में आए ब्राजील के नागरिकों को 29 दिसंबर तक भारत छोड़ने का निर्देश जारी किया गया है।
जाँच के दौरान यह भी पता चला है कि डेविड मूल रूप से जौनपुर के लाखापूरब गाँव का रहने वाला है। साल 2008 में डेविड ने एक एनजीओ से जुड़ने के बाद अपना धर्म बदलकर ईसाई बन गया था। उसके बाद 2011 में उसने रोहिणी नाम के लड़की से शादी कर ली औऱ लखनऊ में एक दूसरे एनजीओ से जुड़े। डेविड ने इस एनजीओ के एमडी को अपनी बातों में फँसा कर ईसाई बना दिया था। उसके बाद यह सिलसिला नहीं थमा।
आपको बता दें कि डेविड और उनकी पत्नी रोहिणी पर 19 दिसंबर 2022 को ब्राजील के लोगों के साथ सीतापुर के शहबाजपुर में धार्मिक सभा आयोजित कर लोगों के धर्मांतरण का आरोप लगा था। घटना की शिकायत नैमिष गुप्ता नाम के व्यक्ति ने की थी। उनका आरोप था कि सभा में लोगों को ईसाई बनने का प्रलोभन दिया जा रहा था। शिकायतकर्ता ने खुद को भी धर्मांतरण का लालच दिए जाने का दावा किया था। इस कार्य्रकम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने डेविड अस्थाना और उनकी पत्नी रोहिणी अस्थाना उर्फ़ रिंकी को नामजद करते हुए दोनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 की धारा 3/5 के तहत FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। वहीं विदेशियों को 29 दिसंबर तक अपने देश लौटने की हिदायत दी।