Sunday, September 1, 2024
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साथियों के मौत से लगातार टूट रहा था विकास दुबे, करीबियों के शस्त्र लाइसेंस की होगी पुलिस जाँच

विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस उसके करीबियों, रिश्तेदारों और उसको आश्रय देने वाले लोगों पर अपना शिकंजा कसती नजर आ रही है। पुलिस अब विकास दुबे द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों की जाँच कर रही हैं। इसमें यह बात सामने आई है कि विकास दुबे अपने साथ 12- 14 हथियारों को रखता था। जिनके लाइसेंस करीबियों के नाम रजिस्टर्ड थे।

कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे अपने साथियों की तरह ही एनकाउंटर में मारा गया है। विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में पकड़ा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लगातार हो रहे उसके करीबी गुर्गों के एनकाउंटर को देखते हुए वह अपने ठिकाने से 6 दिनों बाद लोगों के सामने आया था। वह नहीं चाहता था कि पुलिस उसकी खोजबीन के चलते उसके अन्य साथियों का भी एनकाउंटर करे। अब शस्त्र वाला मामला उठा है।

यूपी से उज्जैन गई एसटीएफ टीम के अनुसार विकास अपने साथियों की मौत से टूट चुका था। वह अंदर ही अंदर कमजोर होता जा रहा था। अमर दुबे और अतुल दुबे की मौत ने उसे अंदर से झकझोर दिया था। गैंग के साथी होने के साथ साथ ये लोग विकास के रिश्तेदार भी थे। अपने पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए विकास जानता था कि वो आसानी से जेल से छूट जाएगा लेकिन उसके बाद मारे गए लोगों के परिजनों को क्या मुँह दिखएगा।

वहीं विकास के एनकाउंटर के बाद पुलिस उसके करीबियों, रिश्तेदारों और उसको आश्रय देने वाले लोगों पर अपना शिकंजा कसती नजर आ रही है। पुलिस अब विकास दुबे द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों की जाँच कर रही हैं। इसमें यह बात सामने आई है कि विकास दुबे अपने साथ 12- 14 हथियारों को रखता था। जिनके लाइसेंस करीबियों के नाम रजिस्टर्ड थे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, विकास ने दुबे ने कानपुर में अपने राजनीतिक रसूख के बल पर कई लोगों के नाम पर हथियारों के लाइसेंस बनवाएं थे। जिससे वह लोगों के अंदर अपने डर को कायम रखता था। पुलिस अब उन सभी हथियारों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए कार्यवाही कर रही हैं।

विकास के इन करीबियों नाम पर थे शस्त्र

विकास के घर और उसके पास से बरामद किए गए असलहों का मालिक असल में कोई और था। जाँच के दौरान पता लगा कि विष्णुपाल पुत्र देवी लाल के नाम रिवाल्वर और डबल बैरल बंदूक (केस में नामजद), जहान यादव पुत्र गेंदालाल यादव के नाम डबल बैरल बंदूक (गिरफ्तार), दयाशंकर पुत्र श्याम नारायण के नाम से सिंगल बैरल बंदूक (गिरफ्तार), आलोक पुत्र मदनलाल के नाम डबल बैरल बंदूक हैं।

इसके अलावा राम सिंह पुत्र छोटेलाल के नाम डबल बैरल बंदूक (नामजद), श्रीकांत पुत्र बबन शुक्ला के नाम डबल बैरल बंदूक, यादवेंद्र पुत्र गेंदालाल के नाम राइफल, राजन पुत्र जिल्ल्लेदार के नाम डबल बैरल, दीपक पुत्र रामकुमार के नाम राइफल, और अंजली दुबे पत्नी दीपक दुबे के नाम एक रिवाल्वर का लाइसेंस है। बता दें इन सभी हथियारों के लाइसेंस को लेकर डीजीपी ऑफिस ने कानपुर नगर और देहात पुलिस से ये रिपोर्ट माँगी है।

पुलिस से लुटे गए हथियारों की खोजबीन

वारदात वाली रात को बदमाशों ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के साथ उनके सरकारी असलहों को भी लूट लिया था। जिसको खोजने के लिए पुलिस ने बिकरु गाँव में तलाशी अभियान चलाया है। पुलिस लोगों के घर घर जाकर असलहों को जमा करने के निर्देश दे रहीं है।

पुलिस ने पूरे इलाके में घोषणा करते हुए कहा है कि 2/3 जुलाई की रात गाँव में हुए हमले के दौरान पुलिस से लूटे गए हथियार जिसके भी पास हों, वो पुलिस के समक्ष आकर हथियार जमा करें, वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें पुलिस ने अब तक लूटे गए असलहों में से 3 पिस्टल बरामद कर ली है, लेकिन उसे अभी भी एके-47 और इंसास रायफल की तलाश है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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