सोमवार (मई 11, 2020) की रात दस बजे एक फेसबुक पेज के माध्यम से वृंदावन के साधु तमाल कृष्ण दास पर हमले की खबर शेयर की गई। फेसबुक पेज ‘Vrindavan Homeless Cows Seva And Care’ ने साधु तमाल कृष्ण दास की तस्वीरों के साथ एक छोटा सा पोस्ट लिखा।
अपडेट: वृंदावन: साधु तमाल दास के साथ हुई मारपीट को पुलिस ने कहा आपसी झगड़ा, एक गिरफ्तार, बाकी की खोज जारी
पोस्ट में लिखा गया, “वृंदावन के पुजारी पर क्रूर हमला: वृंदावन के इमलीताला मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक, बुजुर्ग वैष्णव संत श्री तमाल कृष्ण दास पर गुंजों ने निर्दयता से हमला किया। दो गुंडों के बारे में कहा जा रहा है कि वो बांग्लादेशी थे, बाकी बाहरी लोग। सारे गुंडे फरार हैं। मथुरा पुलिस इस मामले को रफा-दफा करना चाहती है। कृपया इसे शेयर करें।”
पोस्ट के साथ जो तस्वीरे शेयर की गई हैं वो क्रूरता की एक कहानी समेटे हुए हैं। एक फोटो में साधु तमाल कृष्ण दास के सर पर चोट है और रक्त बह रहा है। दूसरे में वो असहाय से बैठे हुए हैं और उनके कुछ सामान (चश्मा आदि) कक्ष में रखे हुए हैं। तीसरी तस्वीर में उनके चेहरे पर हमले के भयावह निशान हैं, और वो इतने क्रूर हैं कि देख कर सिहरन होती है।
बाकी तस्वीरें भी मानवीय क्रूरता की कहानी कहती हैं। फेसबुक एवम् ट्विटर इन तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है। वृंदावन वाले फेसबुक पेज पर इसे लगभग 2.5 हजार बार शेयर किया जा चुका है और लोगों ने इस खबर को पढ़ कर निराशा जताई है।
ऐसी तस्वीरें इसलिए किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के हृदय पर चोट करते हैं क्योंकि पीड़ित एक साधु है जो किसी का कुछ नहीं बिगाड़ता। आखिर कैसे निम्न कोटि के गुंडे रहे होंगे जो साधुओं पर हमला बोलते हैं? एक बुजुर्ग पुजारी किसी व्यक्ति को किस तरह का नुकसान पहुँचा रहा होगा कि उन्हें इस तरह से पीटा गया?
हाल ही में, पालघर में दो साधुओं एवम् उनके ड्राइवर की हत्या का घाव हिन्दुओं के हृदय से गया नहीं था कि अब यह घटना सामने आई है। पालघर वाली साधुओं की लिंचिंग के बाद मेवात में महंत रामदास पर हमला हुआ था। साथ ही, बुलंदशहर में भी उन्हीं दिनों में दो सोते साधुओं की हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में पुलिस आदि की प्रतिक्रिया खबर के लिखे जाने तक नहीं ली जा सकी है, परंतु हमारे पास जैसे-जैसे सूचनाएँ उपलब्ध होंगी, हम इसे अपडेट करते रहेंगे।