पश्चिम बंगाल में 2 मई 2021 को चुनावी नतीजों में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की जीत सुनिश्चित होने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। विपक्ष खासकर बीजेपी समर्थक इस दौरान निशाने पर थे। बीजेपी से जुड़े जिन लोगों की हत्या की गई उनमें अभिजीत सरकार और हारन अधिकारी भी शामिल थे। हिंसा की सीबीआई जाँच या विशेष जाँच दल (SIT) के गठन को लेकर इनके परिजनों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि किस बेरहमी से इनकी हत्या की गई। अभिजीत सरकार की पत्नी जो इस घटना की चश्मदीद भी हैं ने बताया, “भीड़ ने उनके गले में सीसीटीवी कैमरे का तार बाँध दिया। गला दबाया। ईंट और डंडों से पीटा। सिर फाड़ दिया और माँ के सामने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। आँखों के सामने बेटे की हत्या होते देख उनकी माँ बेहोश होकर मौके पर ही गिर गईं।”
सरकार की दो मई को उनके घर से बाहर घसीट कर हत्या कर दी गई थी। हमले से ठीक पहले वे दो बार फेसबुक पर लाइव हुए और टीएमसी गुंडों के हमले को लेकर बताया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील महेश जेठमलानी ने शीर्ष अदालत को बताया कि सरकार के शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। लिहाजा उनके पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। साथ ही अदालत को बताया कि जिनकी हत्या की गई वे बीजेपी से जुड़े थे। इस दौरान राज्य प्रशासन और पुलिस ने मूकदर्शक रहकर हिंसा करने वालों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने इन मामलों में कार्रवाई और अदालती निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया।
Supreme Court seeks response from West Bengal govt on plea for CBI probe into killing of two BJP workers
— Bar & Bench (@barandbench) May 18, 2021
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दूसरी ओर बंगाल हिंसा को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर मंगलवार 18 मई 2021 को कलकत्ता हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने कहा कि हिंसा के पीड़ित मानवाधिकार आयोग (NHRC) और महिला आयोग (NCW) जैसी संस्थाओं में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आयोगों से ऐसी शिकायतों को तत्काल राज्य के पुलिस महानिदेशक को प्रेषित करने के निर्देश भी पाँच जजों की पीठ ने दिए। हाई कोर्ट में अब इस मामले की 25 मई को सुनवाई होगी।
बंगाल हिंसा को लेकर पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने चौंकाने वाले दावे किए थे। एक बयान में संगठन ने बताया था कि इस हिंसा से बंगाल के 3500 से ज्यादा गाँव प्रभावित हुए हैं। 40 हजार से अधिक हिंदू पीड़ित हैं। इनमें बड़ी संख्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के लोगों की है।
विहिप के अनुसार हिंसा के दौरान बंगाल में कई जगह महिलाओं पर बर्बर अत्याचार हुआ। खेतों, दुकानों और घरों को नष्ट कर दिया गया। लूट और मारपीट नहीं करने के एवज में उनसे जबरन पैसा वसूला जा रहा। मछली व्यवसाइयों के तालाबों में जहर डाल दिया गया। कई जगहों पर हिंदुओं से उनके आधार, वोटर और राशन कार्ड समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज छीन लिए जाने की बात भी कही गई थी।