Wednesday, April 30, 2025
Homeदेश-समाज'बेटा डॉक्टर बन कुछ करना चाहता था, अब उसके शरीर को रिसर्च के लिए...

‘बेटा डॉक्टर बन कुछ करना चाहता था, अब उसके शरीर को रिसर्च के लिए दान करूँगा’ : यूक्रेन में मारे गए छात्र का शव पहुँचेगा बेंगलुरु

विदेश मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेन में अभी 15-20 भारतीय ऐसे हैं, जो वहाँ से निकलना चाहते हैं। इन लोगों को भारतीय दूतावास की तरफ से हर संभव मदद दी जा रही है और उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

रूसी हमले झेल रहे यूक्रेन (Russia-Ukraine War) में मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत के बाद उनका पार्थिव सोमवार (21 मार्च) को भारत पहुँच जाएगा। नवीन के पिता ने बताया कि बेटे का शव बेंगलुरु पहुँचने के बाद उनके पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

नवीन के पिता शंकरप्पा ने कहा, “मेरे बेटे का शव सुबह 3 बजे बेंगलुरु पहुँचेगा। इसके बाद पार्थिव शरीर का वीरा शैव परंपरा के अनुसार पूजा करेंगे, फिर हम इसे जनता के सामने अंतिम दर्शन के लिए रखेंगे। हमने उनके शरीर को चिकित्सा अध्ययन के लिए एसएस अस्पताल दावणगेरे को दान करने का फैसला किया है।”

शंकरप्पा ने कहा, “मेरा बेटा चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ हासिल करना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कम-से-कम उनके शरीर को मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्र इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए, हमने चिकित्सा अनुसंधान के लिए उनका शरीर दान करने का फैसला किया है।”

बता दें कि 21 वर्षीय नवीन कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाले थे। वह यूक्रेन के खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। यूक्रेन में रूस के हमले के दौरान नवीन की गोलीबारी में मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद से नवीन का पार्थिव शरीर खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी की शवगृह में रखी हुई थी।

यूक्रेन में अभी फँसे हैं 15-20 भारतीय

केंद्र सरकार ने कहा है कि यूक्रेन से भारतीय लोगों को निकालने के लिए चलाया गया ‘ऑपरेशन गंगा’ अभी खत्म नहीं हुआ है। यूक्रेन में जो लोग फँसे हैं और भारत आना चाहते हैं उन्हें लाने का प्रयास सरकार कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (17 मार्च) को कहा कि यूक्रेन में मौजूद 15-20 भारतीय वहाँ से निकलना चाहते हैं और उन्हें हर तरह से मदद की जा रही है।

बागची ने कहा था कि तीन दिन पहले तक वहाँ करीब 50 भारतीय थे, लेकिन अनुमान है कि 15-20 लोग वहाँ से निकलना चाहते हैं। ऐसे लोगों को भारतीय दूतावास हरसंभव मदद कर रहा है। बागची ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से 22,500 भारतीयों को वापस लाया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

5000 फीट की जिस ऊँचाई पर वामपंथी आतंकियों का था कब्जा, वहाँ सुरक्षा बलों ने लहराया तिरंगा: अब बातचीत के लिए गिड़गिड़ा रहे नक्सलियों...

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर तिरंगा फहरा दिया है। यहाँ से नक्सली भाग रहे हैं और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं।

‘तू मेरी रखैल है’: जिब्राइल ने शादीशुदा शिक्षिका का कई बार किया रेप, मुस्लिम बनने का डाला दबाव; कहा- मेरे साथ नहीं गई तो...

बकौल पीड़िता, जिब्राइल उसे जबरन एक होटल में भी ले गया और चाकू की नोंक पर उसके साथ बलात्कार किया। कहा - "तू मेरी रखैल है।"
- विज्ञापन -