Friday, April 26, 2024
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‘हटाई जाएगी अजमेर की दरगाह, मोदी सरकार का ऐलान’: जो YouTube चैनल हुए हैं बैन, जानिए वे फैलाते थे कैसे-कैसे फेक न्यूज

यदि देखा जाए तो भारत सरकार द्वारा हाल ही में बैन किए गए सभी चैनल्स का मॉनिटाइजेशन हो चुका था। इसका मतलब यह है कि इन सभी चैनल्स के वीडियोज पर विज्ञापन दिखाए जा रहे थे और वीडियो बनाने वाले फेक न्यूज और भारत विरोधी प्रोपगेंडा से पैसे कमा रहे थे। 

केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने बीते कुछ वर्षों में आईटी नियमों के अंतर्गत काफी सख्ती दिखाई है। सरकार ने गुरुवार (18 अगस्त) को आईटी नियम 2021 के तहत सात भारतीय और एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल को बैन (YouTube Channels Ban) कर दिया। इन चैनलों द्वारा फेक न्यूज और भारत विरोधी प्रोपगेंडा फैलाया जाता था।

जिन यूट्यूब चैनलों को प्रतिबंधित किया गया है उनके नाम हैं- लोकतंत्र टीवी, यू एंड वी टीवी, एएम रजवी, गौरवशाली पवन मिथिलांचल, SeeTop5TH, सरकारी अपडेट, सब कुछ देखो। जिस पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल को बैन किया गया है, उसका नाम है ‘न्यूज़ की दुनिया’।

फेक और देश विरोधी कंटेंट से कर रहे थे जमकर कमाई

फेक न्यूज फैलाने वाले ये सारे चैनल यूट्यूब द्वारा मॉनिटाइज किए जा चुके थे। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि फेक न्यूज और भारत विरोधी प्रोपेगैंडा फैलाकर कर ये यूट्यूब चैनल पैसा कमा रहे थे। इन कुल चैनलों कुल व्यूअरशिप 144 करोड़ और सब्सक्राइबर 85.73 लाख थे।

हालाँकि, भारत सरकार ने फेक न्यूज फैलाने वाले इन 8 चैनल्स पर बैन लगा दिया है, लेकिन इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को इन चैनल्स से कंटेंट हटाने में कुछ घण्टों का समय लगता है। ऐसे में हमने बिना देरी किए इन सभी चैनल्स की जानकारी जुटाई है।

सबसे पहले बात करते हैं लोकतंत्र टीवी की। इसके यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज, दोनों को भारत सरकार ने बैन कर दिया गया है। इस चैनल के 12.9 लाख सब्सक्राइबर हैं।

सोर्स: यूट्यूब

इस चैनल के एक वीडियो का टाइटल है, ‘गाय मांस में टॉप करने वाला भारत को बड़ा झटका…’। इस टाइटल ही गलफहमी पैदा करने वाला है, जबकि सच्चाई ये है कि भारत गोमांस का निर्यात करता ही नहीं है। हालाँकि यह सच है कि भारत बीफ के टॉप निर्यातकों में से एक है, लेकिन इसमें भैंस का मांस होता है न कि गाय का।

सोर्स: यूट्यूब

भारत सरकार द्वारा बैन किया गया अगला चैनल यू एंड वी टीवी है, जिसके 10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल का सबसे लोकप्रिय वीडियो तीन साल पुराना था, जिसे 14 लाख बार देखा गया था। 

सोर्स: यूट्यूब

18 अगस्त को अपलोड किए गए नवीनतम वीडियो का टाइटल था ‘गडकरी और शिवराज भाजपा से किए गए बाहर’। यह फर्जी खबर है। वास्तव में, इस चैनल द्वारा हर दिन इसी तरह की फर्जी और फेक खबरें अपलोड की जा रही थीं।

सोर्स: यूट्यूब

अगला चैनल एएम रज़वी है, जिसके यूट्यूब पर 95,900 सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल को यूट्यूबर AM Razvi चलाता था। चैनल पर सबसे लोकप्रिय वीडियो में स्क्रिप्टेड और फेक खबरें हैं।

सोर्स: यूट्यूब

अपनी प्रेस विज्ञप्ति में भारत सरकार ने इस चैनल का एक स्क्रीनशॉट साझा किया है जिसमें लिखा था, “अजमेर शरीफ दरगाह को बचाना हुआ मुश्किल, भगवाधारियों का दरगाह पर हमला”। यही नहीं इस वीडियो के थंबनेल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर है, जिसकी बैकग्राउंड में एक बुलडोजर भी दिखाई गई है। यह पूरी तरह से फेक खबर है और यह दिखाने का प्रयास किया गया था कि सीएम योगी दरगाह को गिराना चाहते थे।

सोर्स: पीआईबी

इस लिस्ट में अगला चैनल गौरवशाली पवन मिथिलांचल है, जिसके सात लाख सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल के सबसे पॉपुलर वीडियो को 57 लाख लोगों ने देखा था। इस चैनल को यूट्यूब द्वारा वेरीफाई किया गया है, जो कि सबसे अधिक आश्चर्यजनक बात है। इस चैनल में अधिकांश वीडियो फेक थे।

सोर्स: यूट्यूब

अगला चैनल SeeTop5TH है, जिसके 33.5 लाख सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल ने एक वीडियो में दावा किया है कि बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रेखा ने इस्लाम कबूल कर लिया है। इस वीडियो में यह दावा किया गया कि रेखा ने कहा था, “बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की साजिश रचने वालों को अल्लाह कभी माफ नहीं करेगा।”

सोर्स: यूट्यूब

अपनी प्रेस विज्ञप्ति में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक स्क्रीनशॉट जोड़ा है। इसमें वीडियो का टाइटल था, ‘मोदी सरकार का अजमेर दरगाह पर ऐलान, हटाई जाएगी ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह’।

सोर्स: पीआईबी

इन चैनल्स के अलावा तीन और चैनल- ‘सब कुछ देखो’, ‘सरकार अपडेट’ और ‘न्यूज की दुनिया’ (पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल) को भारत सरकार द्वारा बैन किया गया है। ये तीनों चैनल भी लाखों व्यूज वाले थे। सीधे तौर पर ये चैनल फेक खबर फैलाकर लाखों लोगों की मानसिकता को बदलने की कोशिश रहे थे।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने दिसंबर 2021 से अब तक 102 से अधिक यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके अकाउंट को फेक और भारत विरोधी कंटेंट शेयर करने के कारण बैन किया है। इसके अलावा, भारत सरकार ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल सौ से अधिक चीनी ऐप्स पर भी बैन लगाया है।

गूगल को लेनी चाहिए जिम्मेदारी

यदि देखा जाए तो भारत सरकार द्वारा हाल ही में बैन किए गए सभी चैनल्स का मॉनिटाइजेशन हो चुका था। इसका मतलब यह है कि इन सभी चैनल्स के वीडियोज पर विज्ञापन दिखाए जा रहे थे और वीडियो बनाने वाले लोग इससे पैसे कमा रहे थे। 

गूगल दावा करता है कि उसके पास किसी भी यूट्यूब चैनल को मॉनिटाइज करने के लिए एक सख्त पॉलिसी है। सीधे शब्दों में कहें तो यदि किसी को यूट्यूब से पैसा कमाना है तो उसके लिए गूगल के पास कड़ा कानून है। इसमें, सबसे बड़ी बात यह है कि फेक खबर को लेकर गूगल या यूट्यूब की नीति स्पष्ट नहीं है। अक्सर यह देखा जाता है कि जब तक बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा चैनल या वीडियो को जब तक रिपोर्ट नहीं किया जाता, तब तक उसे नहीं हटाया जाता है।

मॉनिटाइजेशन की बात करें यानी यूट्यूब की कमाई की बात करें तो जब किसी वीडियो पर कोई विज्ञापन दिखाई देता है तो वीडियो बनाने वाले और यूट्यूब दोनों ही पैसा कमाते हैं। यूट्यूब विज्ञापनों से होने वाली आय का औसतन 55% तक वीडियो बनाने वाले को देता है।

बता दें कि ये चैनल सिर्फ भारत में बैन हुए हैं। यदि कोई व्यक्ति VPN के जरिए इन चैनल को देखना चाहे या भारत से बाहर का कोई व्यक्ति देखना चाहे तो उसे देख सकता है। इसे देखने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी।

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Anurag
Anurag
B.Sc. Multimedia, a journalist by profession.

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