पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ का नामोनिशान बागपत से खत्म हो गया है। हाल ही में मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन की सरकार ने ऑनलाइन नीलामी कर दी है। जमीन को 1 करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपए में खरीदा गया है।
हालाँकि, प्रशासन ने इसकी कीमत 39 लाख रुपए रखी थी, लेकिन नीलामी में इसकी बोली तीन गुना अधिक लगी। जमीन को ठेकेदार पंकज, ट्रांसपोर्टर और प्रॉपर्टी डीलर मनोज गोयल और गाजियाबाद की फर्म जेके स्टील ने खरीदा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1947 बँटवारे से पहले परवेज़ मुशर्रफ के अम्मी-अब्बा ने यह जमीन खरीदी थी। जो कि बागपत के कोताना गाँव के मूल निवासी थे। पाकिस्तान जाने के बाद यह जमीन उनके चचेरे भाई के नाम हो गई, लेकिन ये कृषि जमीन शत्रु संपत्ति में ही दर्ज रही।
इस नीलामी के बाद अब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का नाम बागपत की मिट्टी से साफ हो गया है। कानूनी दस्तावेजों में भी उनका नाम हट गया है। इससे पहले साल 2024 में परवेज के भाई की जमीन को नीलामी में दो किसानों ने 1.40 करोड़ रुपए में खरीदा था।