Sunday, April 28, 2024
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संसद से क्यों निलंबित किए जाते हैं सांसद? उनके पास आगे कौन से संवैधानिक विकल्प

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कई संसद सदस्यों (सांसदों) को संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत सदन से निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन हाल के सत्रों के दौरान उनके कथित कदाचार और संसदीय मानदंडों के उल्लंघन के परिणामस्वरूप हुआ है।

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कई संसद सदस्यों (सांसदों) को संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत सदन से निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन हाल के सत्रों के दौरान उनके कथित कदाचार और संसदीय मानदंडों के उल्लंघन के परिणामस्वरूप हुआ है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 105, संसद के प्रत्येक सदन को अपने सदस्यों को अवमानना ​​और अन्य कदाचार के लिए दंडित करने का अधिकार देता है।

सांसदों को निलंबित करने का निर्णय अक्सर संबंधित सदन के अध्यक्ष या पीठासीन अधिकारी द्वारा उचित प्रक्रिया और साक्ष्यों पर विचार के बाद लिया जाता है। निलंबित सांसदों पर कार्यवाही में बाधा डालने, अनियंत्रित व्यवहार करने और सदन की मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप है। निलंबन का उद्देश्य संसदीय कार्यवाही की पवित्रता और संस्था की गरिमा को बनाए रखना है।

संवैधानिक उपाय सांसदों को अनुशासनात्मक कार्रवाइयों को चुनौती देने, निष्पक्षता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है। संसदीय गतिविधियों से बहिष्कार और विशेषाधिकारों के नुकसान का सामना कर रहे निलंबित सांसद कानूनी चैनलों से निवारण की माँग कर सकते हैं। प्राथमिक संवैधानिक उपाय में अदालत में निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका दायर करना शामिल है।

कानूनी सहारा निलंबित सांसदों को निर्णय का विरोध करने की अनुमति देता है, यह दावा करते हुए कि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया या सजा कथित कदाचार के अनुपात से बाहर है। अदालतें मामले की समीक्षा कर सकती हैं, प्रस्तुत साक्ष्यों की जाँच कर सकती हैं और यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि निलंबन संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं।

संवैधानिक उपाय का उद्देश्य न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बनाए रखना है। यह सुनिश्चित करना है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को उन आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव करने का अवसर मिले, जिनके कारण उनका निलंबन हुआ। यह कानूनी रास्ता संसद के भीतर अनुशासन बनाए रखने और सांसदों के व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा के बीच एक महत्वपूर्ण संतुलन प्रदान करता है।

हालाँकि, विशिष्ट कानूनी प्रक्रिया भिन्न हो सकती है। इसमें सामान्य ढाँचे में निलंबन के आदेश को चुनौती देते हुए संबंधित अदालत के समक्ष रिट याचिका दायर करना शामिल है। इसके बदले में अदालत मामले की खूबियों का मूल्यांकन करेगी और तय करेगी कि निलंबन उचित था या नहीं। संवैधानिक उपाय भारतीय संविधान में अंतर्निहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर प्रकाश डालता है।

इतना ही नहीं, संवैधानिक उपाय भारत के संसदीय प्रणाली के भीतर नियंत्रण और संतुलन के महत्व पर भी जोर देता है। जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही सामने आएगी, परिणाम संसद के भीतर व्यवस्था बनाए रखने और निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के बीच नाजुक संतुलन पर प्रकाश डालेंगे।

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Sanjay Kumar
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Sanjay Kumar has been a media professional for more than 20 years and has covered several types of stories related to politics, law, education, defense, parliament affairs, entertainment, business and finance, sports, etc. He also worked with several media organizations and news agencies, like CNBC-TV18, CNN-IBN, NewsX, RSTV, Sansad TV, ANI, etc.

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