Saturday, July 27, 2024
Homeविचारसामाजिक मुद्देवो अंधविश्वास बता खारिज करेंगे… आप भौतिक विज्ञान से आगे आध्यात्मिक विज्ञान की डोर...

वो अंधविश्वास बता खारिज करेंगे… आप भौतिक विज्ञान से आगे आध्यात्मिक विज्ञान की डोर थामे सनातन परम्परा पर गर्व कीजिए

सनातन परम्परा के मनीषियों के कई अविष्कार हैं ऐसे, जिन पर पश्चिम का विज्ञान आज तक पता नहीं कर सका, बस अपने अहंपोषण की खातिर उनको अंधविश्वास बताकर खारिज करने के प्रयास जरूर करता रहा है।

धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर पिछले कई दिनों से एक बहस चल रही है पूरे देश में कि चमत्कार कुछ नहीं होता, सब ट्रिक है। अब कौन समझाए इनको कि कुछ चीजें ऐसी हैं जो भौतिक विज्ञान की पकड़ से बाहर की बात है और अल्बर्ट आइन्स्टाइन जैसे वैज्ञानिक ने भी यह माना था। उन्होंने अपने आखिरी समय में यह माना कि प्रकृति के कुछ रहस्यों को उजागर कर पाना भौतिक विज्ञान की पकड़ से बाहर की बात है।

मेरे कहने का तात्पर्य धीरेन्द्र शास्त्री को सही या गलत साबित करना बिल्कुल भी नहीं है, मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि चमत्कारों से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सनातन परम्परा में इसके रहस्यदर्शी मनीषियों ने अनेक ऐसी विधियाँ खोजी थीं, जिनसे ऐसे सारे चमत्कार सम्भव हैं। चमत्कार से इनकार नहीं किया जा सकता है, बस जरूरत होती है संकल्प की सुपात्र बनने की और तप की। और इसमें पूर्व जन्म के तप के अंकुरण भी उदित होकर उत्तरदायी बनते हैं, ऐसा सनातन परम्परा में माना जाता है।

शंकराचार्य का बत्तीस वर्ष जैसी अल्पायु में इतने विराट काम कर पाना वरना संभव न होता। शंकराचार्य मंडन मिश्र प्रसंग में शंकराचार्य द्वारा परकाया प्रवेश के माध्यम से स्त्री रहस्य जानने का वर्णन भी आता है। कोई पूछे इन तर्क के महारथियों से कि यह चमत्कार ही था तप का या कोई ट्रिक थी।

ओशो रजनीश ने भी ऐसे तमाम प्रसंग बताए हैं।

एक अमेरिकी घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि एक व्यक्ति के साथ दुर्घटना होती है और वह कोमा में पहुँच जाता है। अस्पताल में पड़ा है और डॉक्टर को कोई उपाय नहीं सूझ रहा है, तभी अचानक उसकी चेतना जागती है और वह अपनी पूरी समस्या और इलाज बताता है। साथ ही यह भी बताता है कि अगर इतने घंटे तक दवा उपलब्ध न हुई तो उसका शरीर मर जाएगा।

दुर्घटनाग्रस्त उस आदमी के बताए अनुसार वह दवाई उपलब्ध करवा कर उपचार किया जाता है। और वह सही हो जाता है। बाद में उसने न जाने कितने लोगों की बीमारियों का उपचार इसी तरह से बताकर किया, लोगों को ठीक किया उसने।

इस रहस्य के बारे में पूछने पर उसने बताया कि यह वो हमेशा नहीं कर पाता है। उसने कहा:

“मैं ऐसा महसूस करता हूँ कि जब मेरी आँखों के मध्य खिंचाव होता है और उसके बाद जब मैं नहीं होता हूँ, तब ही यह चमत्कार घटते हैं।”

तिब्बत के लामाओं में भी तो ऐसे प्रयोगों की परम्परा रही है पूरी।

रहस्यों के साथ रामकृष्ण परमहंस का नाम हमेशा से जुड़ा रहा है। उनका एक किस्सा बड़ा ही रोचक है। जब उन्होंने सखी सम्प्रदाय की साधना की तो उनके स्तन उभर आए थे और मासिक धर्म भी शुरु हो गया था, यानि वो पूरी तरह से स्त्री बन चुके थे। कई भौतिक विज्ञानी चिकित्सक हैरत में थे इस चमत्कार को देखकर। लेकिन होता है, साधना और संकल्प से कोई भी चमत्कार सम्भव है।

एक और उदाहरण देना चाहूँगा ओशो के उद्धरण के साथ, जिसके ऐसे भी लोग हुए हैं इस देश में जिन्होंने योग साधना से अपने प्राणों पर काबू करने का कई बार परीक्षण किया और चिकित्सकीय परीक्षणों में वैज्ञानिक मानक के अनुसार पश्चिम के वैज्ञानिकों ने डेथ सर्टिफिकेट बना दिया उनका। लेकिन उन्होंने अपने प्राण वापस लौटा लिए।

कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि यदि कोई चीज आपकी पकड़ से बाहर की है तो आप उसे महज अंधविश्वास बताकर खारिज नहीं कर सकते हैं।

सनातन परम्परा के मनीषियों के कई अविष्कार हैं ऐसे, जिन पर पश्चिम का विज्ञान आज तक पता नहीं कर सका, बस अपने अहंपोषण की खातिर उनको अंधविश्वास बताकर खारिज करने के प्रयास जरूर करता रहा है।

मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि विधर्मियों के विलासी विमर्श का हिस्सा बनने के बजाय गर्व करना सीखिए अपनी सनातन परम्परा पर।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -