Friday, May 16, 2025
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सरकारी गाड़ी, VIP आरोपित: हैदराबाद गैंगरेप पर क्यों ‘कठमुल्लों की जुबान’ बोल रहे गृहमंत्री महमूद अली, हाथरस-कठुआ वाला गैंग भी मौन

गृह मंत्री महमूद अली का गैंगरेप मामलों पर ऐसा बचकाना बयान कोई चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने साल 2019 में भी यही किया था और अब 2022 में भी उनकी यही संवेदनहीनता देखने को मिली है। लेकिन, एक गैंगरेप मामले में तथाकथित नारीवादियों की चुप्पी इस बार फिर हैरान करने वाली है।

हैदराबाद में नाबालिग गैंगरेप मामले में लंबी पड़ताल के बाद सारी जानकारी मीडिया में अब साफ है। सबको पता चल चुका है कि कैसे AIMIM विधायक के बेटे और भतीजे के तार इस गैंगरेप से जुड़े हैं और किस तरह पूरी वारदात को एक सरकारी गाड़ी में अंजाम दिया गया। मीडिया चैनलों पर तो इस केस की रोज चर्चा हो ही रही है लेकिन इसी बीच गैंगरेप केस को ‘एडवांस जमाने की गलती’ बताने वाले तेलंगाना के गृहमंत्री महमूद अली भी आखिरकार अपने संवेदनहीन ‘बयान’ की लीपापोती में जुट गए हैं। 

दरअसल कुछ दिन पहले से ही तेलंगाना के गृह मंत्री इस मामले में उन ‘कठमुल्लों’ की तरह ही बात करते दिख रहे हैं जिनको लगता है कि महिलाओं के साथ अपराध उनके छोटे कपड़ों की वजह से होता है। जो लड़कियों के मोबाइल इस्तेमाल नहीं करने को लेकर फतवा जारी करते हैं। महमूद अली ने टीवी 9 मीडिया से बात करते हुए रेप केस को गलती की श्रेणी में रखा था जिसके बाद उनकी गिनती उन लोगों में शुरू हो गई थी जो रेप मामले में लड़कों को बचाने के लिए घृणित अपराध को ‘भूल’ बता कर जस्टिफाई करते हैं। हमने भी उन्हें इस संबंध में खुला पत्र लिखा था… अब एक बार फिर उनका इस मामले में नया बयान आया है। महमूद अली ने अब गैंगरेप का सारा ठीकरा मोबाइल फोन और व्हॉट्सएएप आदि को दिया है और इनके ही सहारे पहले वाले बयान को दबाने की कोशिश की है।

उन्होंने इस बार कहा कि नए जमाने में बच्चे मोबाइल और व्हॉट्सएप के कारण बिगड़ रहे हैं। ये माँ-बाप की जिम्मेदारी है कि वो उनपर नजर बनाए रखें। अपने बयान में महमूद अली ने हर माता-पिता से कहा कि अगर वो लोग अपने बच्चों को इस तरह खुले में घूमने के लिए छोड़ देंगे तो फिर उन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए जरूररी है कि उनके ऊपर ध्यान दिया जाए।

महमूद अली का गैंगरेप मामलों पर ऐसा बचकाना बयान कोई चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने साल 2019 में भी यही किया था और अब 2022 में भी उनकी यही संवेदनहीनता देखने को मिली है। लेकिन, एक गैंगरेप मामले में तथाकथित नारीवादियों की चुप्पी इस बार फिर हैरान करने वाली है। क्या आपने नोटिस किया कि हैदराबाद का पूरा केस इतना हाईप्रोफाइल है। आरोपितों में AIMIM नेता के बेटे का नाम है। बच्चों के साथ माता-पिता पर केस दर्ज करने की बात पुलिस कर रही है। लेकिन बावजूद इतना सब होने केे अब तक उस गैंग की आँख नहीं खुली है…।

कठुआ गैंगरेप मामले में हिंदुस्तान पर शर्मिंदा होने वाली लॉबी और हाथरस रेप केस में सरकार को कोसने वाली नारीवादी…चंद दिनों से शांत हैं। न सरकार से सवाल हुआ। न आरोपित के पिता से इस्तीफे की माँगे गए और न ही इंसानियत के नाते उस लड़की को इंसाफ दिलाने के पोस्ट शेयर हुआ। यदि इस पूरे मामले में कोई काम तेजी से हुआ तो वो उस भाजपा नेता पर कार्रवाई का था जिसने पूरे केस में AIMIM नेता की संलिप्ता को दुनिया के सामने पेश किया। जिसके बाद कुछ दिनों में उन्हें पकड़ लिया गया क्योंकि ये सबूत दिखाते समय पीड़िता की पहचान भी उजागर हो गई थी।

ध्यान दीजिए कि इस केस में भाजपा नेता द्वारा किए गए खुलासे से पहले मीडिया में आई खबरों ने इस बात को बताया था कि पुलिस भी AIMIM विधायक के बेटे की संलिप्ता मना कर रही है लेकिन जब सबूत सबके सामने आया तो उन्हें इस केस में विधायक के बेटे को भी गिरफ्तार करना पड़ा। छानबीन के बाद बताया गया कि रेप केस में विधायक के बेटे का हाथ नहीं है मगर उसने लड़की से दुर्व्यवहार किया है इस बात को नहीं नकारा जा सकता। पुलिस भी बाहरी माहौल देख ये मान गई कि केस AIMIM नेता के बेटे से जुड़ा है। मगर गृहमंत्री महमूद अली एक ओर से इसे एडवांस जमाने में हुई गलती की तरह दिखा रहे है और दूसरी ओर उस महिला गैंग की आँख का पानी मर गया है जिन्हें ये होश नहीं है कि कम से कम खुद को निष्पक्ष दिखाने के लिए वो दो लाइन में इस केस की निंदा कर दें। या शायद ये कह सकते हैं कि हैदराबाद में नाबालिग से हुई ज्यादती पर आँसू बहाना उनके एजेंडे पर फिट नहीं बैठता।

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