Monday, November 18, 2024
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33 साल पहले निकला था सलमान रुश्दी की मौत का फरमान, अब हुआ जानलेवा हमलाः मोहम्मद जुबैर के कारण इसी खतरे में नूपुर शर्मा की जिंदगी

सलमान रुश्दी की तरह जान का खतरा भारत की नुपूर शर्मा को भी है। मोहम्मद जुबैर द्वारा वायरल किए गए एक क्रॉप वीडियो के कारण विश्व भर के कट्टरपंथी नुपूर शर्मा को मारने की साजिशें रचने में जुटे हैं।

न्यूयॉर्क में ‘द सैटेनिक वर्सेज’ के लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बाद एक बार फिर से इस्लामी कट्टरपंथ का डर हर जगह व्याप्त है। 33 साल पहले रुश्दी को उनकी किताब की वजह से जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके बाद इतने साल तक वह खुद बचाते रहे। हालाँकि, बीते शुक्रवार (12 अगस्त 2022) ऐसा नहीं हो पाया। उनके पीछे पड़े कट्टरपंथ ने उन्हें मंच पर पहुँच चाकू से गोदा। 

उन्हीं की तरह जान का खतरा भारत की नुपूर शर्मा को भी है। मोहम्मद जुबैर द्वारा वायरल किए गए एक क्रॉप वीडियो के कारण विश्व भर के कट्टरपंथी नुपूर शर्मा को मारने की साजिशें रचने में जुटे हैं। पिछले कुछ महीनों में नुपूर को लाखों धमकियाँ मिल चुकी हैं। उनके साथ उनकी परिवार पर भी जान का खतरा मंडरा रहा है।

इसी बीच 90 के दौर में बांग्लादेश के कट्टरपंथियों से भागीं लेखिका तस्लीमा नसरीन का ट्वीट भी आया है। उन्होंने कहा है, “मुझे अभी पता चला है कि सलमान रुश्दी के ऊपर न्यूयॉर्क में हमला हुआ। मैं सच में हैरान हूँ। कभी नहीं सोचा था ऐसा होगा। वो वेस्ट में रहते थे और 1989 से उन्हें बचाया जा रहा था। अगर उनके ऊपर हमला हो सकता है तो वो कोई भी जो इस्लाम का आलोचक है, उस पर हमला हो सकता है। मैं बहुत चिंता में हूँ।”

तस्लीमा नसरीन की जो घबराहट है वो बेफिजूल नहीं है। बीते कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि कट्टरपंथी अपने मकसद को अंजाम देने के लिए अपने शिकार के पीछे सालों साल पड़े रहते हैं और साजिशें रचते हैं। सलमान रुश्दी के साथ घटित घटना सबसे ताजा उदाहरण है। साल 2019 में कमलेश तिवारी हत्याकांड में भी यही देखा गया था और जो नुपूर शर्मा को लेकर देश की चिंता बनी हुई है वो भी इन्हीं वजहों से है।

आए दिन आतंकी गिरफ्तार

सहारनपुर से कल ही मोहम्मद नदीम नाम का जैश आतंकी गिरफ्तार हुआ है। एटीएस की पूछताछ में उसने खुलासा किया कि जैश-ए-मोहम्मद ने उसे नुपूर शर्मा को मारने का काम सौंपा था। इसके लिए वह फिदायीन हमला करने वाला था।

नदीम से पहले यूपी के आजमगढ़ से ISIS का संदिग्ध आतंकी सबाउद्दीन आजमी गिरफ्तार हुआ था। उसके निशाने पर भी नुपूर शर्मा ही थीं। एटीएस ने जब उसके फोन की तलाशी ली तो एक अल-सक्र मीडिया नाम से बना टेलीग्राम चैनल दिखा, जिसमें उर्दू और अंग्रेजी में पोस्टर शेयर करके नुपूर शर्मा को निशाना बनाने की बात कही जा रही थी। 

कुछ हफ्ते पहले की बात करें तो 24 साल का अशरफ रिजवान 11 इंच का चाकू लेकर नुपूर शर्मा को मारने के लिए पाकिस्तान से भारत में आया था। सीमा सुरक्षाबल के जवानों ने उसको राजस्थान के श्रीगंगाधर जिले में सीमा के पास से पकड़ा था। अशरफ ने बताया था कि वह पहले अजमेर में चादर चढ़ाता और फिर नुपूर शर्मा को मारने वाला था। 

अशरफ का पाकिस्तान से आना और अजमेर में चादर चढ़ाने के बाद प्लॉन बनाना हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि दरगाह का खादिम भी नुपूर शर्मा की जान से पीछे हाथ धो कर पड़ा था। खादिम सलमान चिश्ती ने ऐलान किया था कि जो कोई भी नुपूर शर्मा का सिर कलम करेगा उसे वो अपना मकान देगा।

नुपूर शर्मा के पीछे कट्टरपंथी दौड़ाने वाला मोहम्मद जुबैर

बता दें कि सलमान रुश्दी और तस्लीमा नसरीन, दोनों ही लेखक अपनी किताबों की वजह से इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर सालों से रहे। लेकिन, नुपूर शर्मा का मामला इनसे अलग है। यहाँ उन्होंने एक टीवी डिबेट शो में अपने ईष्ट के अपमान को सुनने के बाद दूसरे मजहब वालों से सवाल किया था। मगर, मोहम्मद जुबैर ने इस ट्वीट को गलत ढंग से पेश किया और कट्टरपंथियों को भड़काया।

इसके बाद नुपूर के पीछे देखते ही देखते विश्व भर के कट्टरपंथी लग गए। आज नुपूर के पूरे परिवार को जान का खतरा बना है। वहीं मोहम्मद जुबैर खुलेआम सड़कों पर है और मीडिया में इंटरव्यू दे रहा है।

सोचिए! सलमान रुश्दी पर 33 साल बाद भी हमला हुआ तो ऐसे में भारत की नुपूर शर्मा कब तक सुरक्षित हैं? लोग यही प्रश्न सोच-सोचकर नुपूर की फिक्र कर रहे हैं।

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