Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'द सैटेनिक वर्सेज' के लेखक सलमान रुश्दी पर जुमे के दिन चाकू से गर्दन...

‘द सैटेनिक वर्सेज’ के लेखक सलमान रुश्दी पर जुमे के दिन चाकू से गर्दन पर हमला, न्यूयॉर्क में हुई वारदात

रुश्दी की किताब "द सैटेनिक वर्सेज" को ईरान में 1988 से प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि कई मुस्लिम इसे ईशनिंदा मानते हैं।

‘द सैटेनिक वर्सेज’ के लेखक उपन्यासकार सलमान रुश्दी को न्यूयॉर्क में भाषण देने से पहले पर चाकू से हमला किया गया है। सलमान रुश्दी को 1980 के दशक में ही ईरान से जान से मारने की धमकी मिली थी, वहीं आज शुक्रवार (12 अगस्त, 2022) को उन पर उस समय हमला किया गया जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक व्याख्यान देने वाले थे

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक व्यक्ति ने न्यूयॉर्क के चौटाउका (Chautauqua) संस्थान में मंच पर उस समय धावा बोल दिया और जब सलमान रुश्दी स्पीच देने वाले थे। रुश्दी पर चाकू से गर्दन पर हमला किया गया जिससे वह वहीं जमीन पर गिर गए। हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है। रुश्दी को हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया है। स्टेट पुलिस ने बताया कि उन्हें हेड इंजरी भी आई है। वहीं उनकी अभी के हालत के बारे कोई अपडेट नहीं है।

बता दें कि रुश्दी की किताब “द सैटेनिक वर्सेज” को ईरान में 1988 से प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि कई मुस्लिम इसे ईशनिंदा मानते हैं। वहीं इस किताब के पब्लिश होने के एक साल बाद, ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फ़तवा जारी किया था, जिसमें रुश्दी की मौत की अपील की गई थी। ईरान ने रुश्दी को मारने वाले को 30 लाख डॉलर से अधिक का इनाम देने की भी घोषणा की थी।

गौरतलब है कि ईरान की सरकार ने लंबे समय से चले आ रहे खुमैनी के फरमान से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन रुश्दी विरोधी भावना बनी रही। वहीं 2012 में, एक अर्ध-आधिकारिक ईरानी मजहबी फाउंडेशन ने रुश्दी के लिए इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया था।

हालाँकि रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा जाता है कि रुश्दी ने उस समय उस धमकी को खारिज करते हुए कहा था कि इनाम में लोगों की बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं है। बता दें कि उस वर्ष, रुश्दी ने फतवे के बारे में एक संस्मरण, ‘जोसेफ एंटोन’ प्रकाशित किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -