जामिया, JNU से चले आजादी के नारे शाहीनबाग़ तक आते-आते इस्लामिक नारों, हिन्दू विरोधी नारों और गृह युद्ध की धमकियों में तब्दील हो गए और तुरंत इस पूरे अभियान की पोल खुल गई। यही वजह है कि NRC और CAA के विरोध में बताए जा रहे इस पूरे विरोध और हंगामे को अब किसी ने भी गंभीरता से लेना छोड़ दिया है। लेकिन इस विरोध प्रदर्शन का तरीका और इसकी रणनीतियाँ बिलकुल भी नजरअंदाज कर देने लायक नहीं लगती हैं।
लिबरल होने का अभिनय करते आ रही यह भीड़ अब बच्चों के जरिए अपने वामपंथ के जहर और अपने प्रोपेगेंडा को हवा दे रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर किए जा रहे हैं जो शाहीन बाग़ में चल रहे कथित CAA-NRC विरोध प्रदर्शन के दौरान बनाए गए हैं। कथित इसलिए क्योंकि CAA-NRC का विरोध तो बस बहाना है।
इन वीडियो में ‘लिबरल्स’ की भीड़ बच्चों को कन्धों पर बिठाकर और उनके पास माइक देकर जो नारे लगवा रही है, वो स्पष्ट करता है कि इस सारे हंगामे का कारण कोई कानून नहीं बल्कि कुछ ऐसे लोगों का सत्ता में होना है जिनके हाथ में देश की कमान देखकर बुर्जुआ कॉमरेड को आपत्ति है। वीडियो में बच्चा नारे लगाते हुए कहता है- ‘हम ले के रहेंगे आज़ादी, तेरा बाप भी देगा आज़ादी, तेरी माँ भी देगी आज़ादी।’ जो विचारधारा इस देश में कॉन्ग्रेस का नमक खाकर तंदुरुस्त हुई है वो उसकी भक्तिधारा में चंद नारे तो लगा ही सकती है।
“Tera baap bhi dega – Azadi!
— Know The Nation (@knowthenation) January 17, 2020
Teri maa bhi degi – Azadi!”
Bad language is one thing, but this kind of uncouth sloganeering by kids exposes the dirty motives of adults behind it. What kind of people manipulate kids for their vicious politics?#ShaheenBaghProtest #ShaheenBaghTruth pic.twitter.com/FOeJ7pA2zg
वहीं, एक दूसरे वीडियो में हरे लिबास में एक मौलवी किसी सार्वजानिक सभा को भाषण देते हुए गृह मंत्री अमित शाह को आटे का थैला बताते हुए धमकी दे रहा है। इस वीडियो में मौलवी ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ ही उनके समर्थकों को डंडे से पीटने की बात कही है जिस पर एक उन्मादी भीड़ भी खूब तालियाँ बजा रही है और वाह-वाही दे रही है।
मौलवी का कहना है कि अगर मुस्लिम को भगाने की बात कही तो तिरंगे के डंडे से वो यहाँ मौजूद लोगों को पीटेंगे। वीडियो में हरे लिबास पहने मौलवी ने यह भी स्पष्ट किया है कि हिन्दुओं से वो मुस्लिम भी नहीं डरता है जिसका कि अभी तक ख़तना भी नहीं हुआ है।
Listen to these so called dare huye musalman pic.twitter.com/A66yzZBRdW
— Rudraksha (@iRupND) January 17, 2020
CAA-NRC के विरोध के नाम पर हिन्दुओं की महिलाओं को बुर्का पहनाए जाने से लेकर स्वस्तिक के चिन्हों को कुचलने और फ़क़ हिंदुत्व जैसे सन्देश सार्वजानिक रूप से दिए जा रहे हैं। मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही अक्सर मीडिया और कुछ उदारवादी विचारकों ने स्टूडियो में बैठकर ‘डर का माहौल’ जैसे नारे दिए। इन्हीं का एक बड़ा समर्थक वर्ग है जो इस नारे पर यकीन करता हुआ इसे आगे बढ़ाता रहा।
क्या उस वर्ग को ये वीडियो और सार्वजानिक सभाएँ शांति का संदेश नजर आती होंगी? या सिर्फ वो इसलिए इस पर चुप रह जाते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि वास्तव में डर किन लोगों से होना चाहिए?
अपने विरोध प्रदर्शन में बच्चों का इस्तेमाल मजहबी और अश्लील नारे लगाने तक के लिए यह शाहीन बाग़ की भीड़ तैयार हो चुकी है। नैतिकता के मामले में तो वामपंथ से कभी कोई उम्मीद थी भी नहीं लेकिन अब वो अपने ही उस आवरण से बाहर आ चुके हैं जिस ‘उदारवादी’ नक़ाब के पीछे वो खुद को वर्षों तक छुपाते आए थे। इस विरोध प्रदर्शन के पूरे किस्से ने बता दिया है कि वामपंथ और कट्टरपंथियों की इस मिलीभगत का वास्तविक मर्म जनता नहीं बल्कि इस विचारधारा की लाश कंधे पर ढो रहे कुछ चुनिंदा लोग ही हैं।
Say it on the barricade
— Anaz Muhammed (@anaz_oam) December 27, 2019
La ilaha illallah
Say it in the tear gas
La ilaha illallah
Thera mere rishta kya?
La ilaha illallah. #CAA_NRC_Protests#IndiansAgainstCAA@OpusOfAli @irenaakbar @IndiasMuslims pic.twitter.com/UfyIgIpMeI
दुष्यंत कुमार ने तो कहा था कि सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, लेकिन अब हम देख सकते हैं कि कि एक भीड़ ऐसी भी है, जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ हंगामा खड़ा करना ही हो सकता है। क्योंकि यही तो उनके अस्तित्व का कारण भी है।
आप भी NRC और CAA के विरोध के नाम पर चल रहे इन युद्व घोषों को वीडियो में जरूर सुनिए-