Sunday, March 16, 2025
Homeराजनीतिराष्ट्रपति उम्मीदवारी के बाद द्रौपदी मुर्मू ने भगवान जगन्नाथ के किए दर्शन, शिव मंदिर...

राष्ट्रपति उम्मीदवारी के बाद द्रौपदी मुर्मू ने भगवान जगन्नाथ के किए दर्शन, शिव मंदिर में साफ-सफाई: बोले ओडिशा के CM- यह गर्व का क्षण

एनडीए द्वारा मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उनको जेड प्लस सेक्योरिटी मिल गई है। इस बीच मंदिर में पूजा अर्चना करने से पहले एक वीडियो सामने आई है। इस वीडियो में वह मंदिर में झाड़ू लगाते दिख रही हैं।

एनडीए की ओर से मंगलवार (21 जून 2022) को राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का नाम घोषित होने के बाद मुर्मू ने आज (22 जून 2022) सुबह मंदिरों के दर्शन किए। वह ओडिशा के मयूरभंज में रायरंगपुर जगन्नाथ मंदिर गईं। फिर वहाँ से वह शिव मंदिर पहुँची और इसके बाद उन्होंने आदिवासी पूजा स्थल जहिरा जाकर भी आशीर्वाद लिया।

एनडीए द्वारा मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उनको जेड प्लस सेक्योरिटी मिल गई है। इस बीच उनकी एक वीडियो भी सामने आई है। ये वीडियो रायरंगपुर के शिवमंदिर की ही है। इस वीडियो में वह पूजा अर्चना से पहले मंदिर के फर्श पर झाड़ू से साफ-सफाई करती नजर आ रही हैं। देख सकते हैं कि सफाई के बाद वह अपने हाथ धोती हैं, नंदी महाराज के चरण छूती हैं, घंटी बजाती है और फिर मंदिर में अंदर घुसती हैं।

उनकी यह वीडियो देखने के बाद लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए भेजे जाने पर लोग इस गौरवान्वित करने वाला क्षण कह रहे हैं और कुछ लोग अभी से उन्हें अपना राष्ट्रपति मान चुके हैं।

वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के लिए इसे गर्व का क्षण बताया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “एनडीए द्वारा देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाने पर द्रौपदी मुर्मू को बहुत बधाई। मैं बहुत ज्यादा खुश था जब पीएम मोदी इस पर बात कर रहे हैं। ये ओडिशा की जनता के लिए गर्व का क्षण है। मुझे यकीन है कि वो देश में महिला सशक्तिकरण का एक दमकता उदाहरण बनेंगी। “

बता दें कि द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं। उनका जन्म ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के बैदापोसी गाँव में हुआ था। 1997 में वह रायरंगपुर से बतौर पार्षद जीतीं। इसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी की आदिवासी मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया। साल 2000 और 2009 में वह रायरंगपुर से विधायक भी चुनी गईं।

2015 में जब उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया तो उनका कार्यकाल लगभग निर्विवाद रहा। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू 2000 झारखंड के गठन के बाद से पहली ऐसी राज्यपाल बनीं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो द्रौपदी मुर्मू के दो बेटे और एक बेटी हैं। उनका पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडू था। उनका जीवन त्रासदियों और संघर्षों से भरा हुआ है। उनके पति का निधन हो चुका है। उनके दोनों बेटे भी चल बसे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन हैं लाचित बरपुखान जिनके नाम पर असम में बनी अकादमी में पुलिसकर्मी पाते हैं प्रशिक्षण, क्यों अमित शाह ने कहा बनेगा देश का...

असम की लाचित बोरफुकन पुलिस अकादमी में सिर्फ असम ही नहीं, बल्कि गोवा और मणिपुर जैसे राज्यों के पुलिस अधिकारियों को भी ट्रेनिंग मिलती है।

स्वाति को प्रेम जाल में फँसा नयाज ने बनाए रिश्ते, फिर गला घोंटकर मार डाला: तुंगभद्रा नदी से मिली थी लाश, पूर्व CM बोले-...

कर्नाटक के हावेरी में मुस्लिम युवक नयाज ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर हिन्दू युवती स्वाति की हत्या कर दी। उसका शव भी नदी में फेंक दिया गया।
- विज्ञापन -