समाजवादी पार्टी (SP) और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के बीच गठबंधन हो गया है। अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। यूपी चुनाव के मद्देनजर गुरुवार (16 दिसंबर 2021) को चाचा शिवपाल से अखिलेश यादव ने मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में हुई बातचीत के दौरान दोनों पार्टियों ने गठबंधन पर सहमति जताई। सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन तय होने की जानकारी अखिलेश यादव ने फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट डालकर दी। अब दोनों लोग मिलकर योगी सरकार के खिलाफ चुनाव में उतरेंगे।
An alliance has been finalised with the Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) in a meeting with Shivpal Singh Yadav today, says Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2021
(Pic source: Akhilesh Yadav’s Twitter) pic.twitter.com/fsKQ2noryS
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।”
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
बता दें कि मुलायम सिंह यादव जिस परिवार को पिछले कई दशक से एक साथ लेकर चल रहे थे, वह 2017 के चुनाव के बाद दो टुकड़ों में बँट गया था। इसकी शुरूआत 2016 में ही हो गई थी। मुलायम सिंह के परिवार की यह लड़ाई इस स्तर तक पहुँच गई कि अखिलेश ने चाचा शिवपाल को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया तो चाचा ने भतीजे को ही पार्टी से ही बाहर कर दिया। थोड़े दिन के लिए यह लड़ाई थम गई। लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाकर अलग राह चुन ली थी। पिछले दिनों सपा से गठबंधन की पेशकश की थी। फिर सपा में अपनी पार्टी के विलय की बात शुरू कर दी। आखिरकार चाचा और भतीजे यूपी चुनाव से पहले साथ आ गए हैं।