केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब देश में एक पहचान पत्र का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा है कि इस पहचान पत्र में पासपोर्ट, आधार, और वोटर आईडी कार्ड सब कुछ समाहित होंगे। गृह मंत्री ने अपने प्रस्ताव में बैंक अकॉउंट को भी इसी कार्ड से जोड़ देने की सलाह दी है।
गृहमंत्री अमित शाह ने साल 2021 में होने वाली जनगणना को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आगामी वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में मोबाइल ऐप का इस्तेमाल होगा। शाह ने कहा है कि इससे हमें कागज से डिजीटल जनगणना की तरफ जाने में मदद मिलेगी।
Union Home Minister Amit Shah: A digital application, an app will be used for population census in the year 2021. It will be transformation from paper to digital census. pic.twitter.com/Xn992vekGz
— ANI (@ANI) September 23, 2019
उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि एक ऐसा सिस्टम भी होना चाहिए कि यदि किसी शख्स की मौत हो जाए तो ऑटोमेटिक उसकी जानकारी पॉपुलेशन डाटा में अपडेट हो जाए।
उन्होंने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान माँग की कि हम ऐसा कार्ड चाहते हैं जो सभी की जरूरतें जैसे आधार, पासपोर्ट, बैंक अकॉउंट, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी की जरूरत को पूरा कर सके। जिसकी संभावनाएँ हैं।
Union Home Minister, Amit Shah: Population census is not a boring exercise. It is an exercise that helps to provide people the benefits of the government schemes. National Population Register (NPR) will help government solve many issues in the country. pic.twitter.com/9pcucorhaR
— ANI (@ANI) September 23, 2019
अमित शाह ने बताया कि देश के पहले डिजिटल सेंसस पर कुल 12 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा, “जनगणना कोई बोरिंग काम नहीं होता है। इससे सरकार को अपनी स्कीम लोगों के लिए लागू करने में मदद मिलती है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) कई मुद्दों को सुलझाने में सरकार की मदद करता है। ये देश के इतिहास में पहली बार होगा, जब जनगणना का काम ऐप के जरिए होगा”
उल्लेखनीय है कि एक ओर जहाँ देश में अभी आधार की अनिवार्यता पर जनमानस में लगातार बहस चल रही है। उस बीच गृहमंत्री ने पहचान पत्र का ये प्रस्ताव रखा है।