महाराष्ट्र के सुपरमार्केट्स में वाइन बेचने के राज्य सरकार के फैसले का समाजसेवी अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने विरोध किया है। एक तरफ सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है, वहीं अब अन्ना हजारे के मोर्चा खोलने से सरकार सकते में है। अन्ना हजारे ने कहा है कि वह सुपरमार्केट और वॉक-इन स्टोर के जरिए शराब बेचने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ 14 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे।
Social activist Anna Hazare announces an indefinite hunger strike from 14 February against the Maharashtra government over its decision to sell wine supermarkets and walk-in stores. pic.twitter.com/Zv79JD8iYm
— ANI (@ANI) February 9, 2022
इससे पहले अन्ना हजारे ने इस पॉलिसी को लेकर कहा था कि नशामुक्ति की दिशा में काम करना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन यह देखकर दुख होता है कि सरकार वित्तीय लाभ के लिए फैसले ले रही है, जिसके कारण शराब की लत लगेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले राज्य को किस दिशा में ले जाएँगे यह बड़ा सवाल है? इस दौरान उन्होंने फैसले के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने की चेतावनी दी थी।
हजारे ने कहा कि उन्होंने 3 फरवरी को शराब नीति का विरोध करते हुए सीएम को पहला पत्र भेजा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा था, “मैं एक रिमांडर लेटर भेज रहा हूँ, क्योंकि राज्य सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। राज्य सरकार ने हाल ही में सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने का फैसला किया है। यह निर्णय राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरनाक होगा। इस फैसले का विरोध करने के लिए मैंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया। मैंने इस संबंध में सीएम और डिप्टी सीएम (अजीत पवार) को एक पत्र भेजा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि शराब बिक्री के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र में एक साथ आंदोलन शुरू किया जाएगा। अन्ना हजारे ने पिछले साल भी सरकार के आदेशों पर सवाल उठाया था। उन्होंने एक बयान में कहा था कि शराब की दुकानों में लंबी लाइनें राज्य सरकार को ठीक लगती हैं, लेकिन मंदिरों को खोलना उसे सही नहीं लगता।
Social activist Anna Hazare writes to Maharashtra CM Uddhav Thackeray against the state govt’s decision to allow the sale of wine in supermarkets and walk-in shops.
— ANI (@ANI) February 5, 2022
In the letter, Hazare also warned the state govt to go on infinite strike against the decision. pic.twitter.com/gaMikXf6lr
बता दें कि महाराष्ट्र में सुपरमार्केट और किराना दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति दी गई है। इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पास किया है। ठाकरे सरकार के इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में घमासान मचा हुआ है। बीजेपी ने भी इस फैसले की आलोचना की थी। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र को ‘मद्य-राष्ट्र (शराब राज्य)’ बनाने का भी आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार ने महामारी के दो साल के दौरान लोगों की मदद नहीं की, लेकिन इसकी प्राथमिकता शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है।
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने इस फैसले के बचाव में अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा था कि वाइन, शराब (liquor) नहीं है और इसकी बिक्री बढ़ने से किसानों को फायदा होगा। संजय राउत ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “वाइन, शराब नहीं है। अगर वाइन की बिक्री बढ़ती है तो इसका फायदा किसानों को मिलेगा। हमने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ऐसा किया है।”