Tuesday, November 5, 2024
Homeराजनीतिअगर नींबू-मिर्च से बलाएँ दूर होती हैं तो एकाध ट्रक सीमा पर फिंकवा दो:...

अगर नींबू-मिर्च से बलाएँ दूर होती हैं तो एकाध ट्रक सीमा पर फिंकवा दो: ओवैसी

"नींबू के ऐसे ‘अलग-अलग’ इस्तेमाल भारत की बहुलतावादी संस्कृति है, जिसे भाजपा UCC (यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड, समान नागरिक संहिता) लाकर खत्म कर देना चाहती है।"

ऐसा लग रहा है दूसरे समुदायों पर हमला करना और समुदाय विशेष की मज़हबी भावनाएँ भड़काना ही AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद अकबरुद्दीन ओवैसी की इकलौती चुनावी रणनीति बच गया है। AIMIM प्रमुख ने नांदेड़, महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए पहले तो सिखों पर बेअंत सिंह की हत्या के आरोपित बलवंत सिंह राजोआना की फाँसी रुकवाने के लिए अपने समुदाय की राजनीतिक ताकत के इस्तेमाल का आरोप लगाया। उसके बाद अब हिन्दुओं की धार्मिक परम्पराओं का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि अगर नींबू-मिर्ची के इस्तेमाल से किसी समस्या का समाधान होता है तो एक-आध ट्रक नींबू-मिर्ची सीमा पर फिंकवा दिया जाना चाहिए। ओवैसी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फ़्रांस में राफेल विमान को ग्रहण करने के पहले उसकी आयुध-पूजा पर हमलावर थे।

‘कल्चर’ की आड़

ओवैसी ने आस्था पर हमलावर अपने हिन्दूफ़ोबिक बयान को ‘संस्कृति’ और ‘बहुलता’ की आड़ में छिपाने की कोशिश की। उन्होंने हिन्दुओं के किसी भी नए कार्य के समय विघ्न-हरण के लिए नींबू लटकाए जाने की तुलना समुदाय विशेष में किसी भी नए कार्य की शुरुआत में आगंतुकों को नींबू-पानी पिलाने से करते हुए बात को हल्का करने की कोशिश की। साथ ही बहस भाजपा की तरफ़ मोड़ने के प्रयास में दावा किया कि नींबू के ऐसे ‘अलग-अलग’ इस्तेमाल भारत की बहुलतावादी संस्कृति है, जिसे भाजपा UCC (यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड, समान नागरिक संहिता) लाकर खत्म कर देना चाहती है।

लेकिन उनका यह प्रयास हिन्दुओं की आस्था के प्रति उपहास और असम्मान के प्रदर्शन को ढँकने के लिए नाकाफ़ी साबित हुआ। हिन्दू नींबू-मिर्च इस आस्था के तहत लटकाते हैं कि यह दोनों चीजें अमूमन किसी छोटी-मोटी परेशानी की ‘नकारात्मक ऊर्जा’ को खुद सोख कर लोगों और उपकरणों को नुकसान से बचाती हैं, जबकि समुदाय विशेष का अपने आगंतुकों या ग्राहकों को नींबू-पानी पिलाना किसी भी लिहाज से इस्लामिक मज़हबी परम्परा का हिस्सा नहीं है।

यही नहीं, एक काल्पनिक शिव सेना नेता को, जो नींबू-मिर्ची लगाने के प्रति उनके असम्मान पर नाराज़गी प्रकट कर रहा था, बार-बार मूर्ख जता कर, और उसके तर्कों को तोड़ते-मरोड़ते हुए उनका मखौल उड़ाकर ओवैसी ने यह भी साफ़ कर दिया कि उनका मकसद हिन्दुओं की आस्था को ‘अन्धविश्वास’, ‘गलत’ दिखाना ही था। वे इतने पर भी नहीं रुके। उन्होंने नींबू-मिर्ची की प्रथा का फिर मज़ाक उड़ाते हुए समुदाय विशेष के मिर्च को कीमे में डालने को इससे बेहतर बताया। ओवैसी ने कहा, “हम किसी चीज़ को ज़ाया नहीं करते।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ऑपइंडिया के डोजियर के बाद Wikipedia को भारत सरकार का नोटिस, ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह’ से ग्रसित बताया: हाई कोर्ट ने खुद को ‘इनसाइक्लोपीडिया’ कहने पर...

ऑपइंडिया द्वारा विकिपीडिया के भारत विरोधी रुख पर विस्तृत डोजियर जारी करने के कुछ दिनों बाद भारत सरकार ने उसे नोटिस जारी किया है।

आगरा के जिस पार्क से ताजमहल को निहारते थे सैलानी, उसकी 6 बीघा जमीन एक किसान ने ट्रैक्टर से जोत दी; बाड़ लगा प्रवेश...

आगरा के जिस 11 सीढ़ी पार्क से सैलानी सूर्यास्त के समय ताजमहल को निहारते थे, उसके एक बड़े हिस्से को किसान मुन्ना लाल ने ट्रैक्टर से जोत दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -