चार राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों की आज रविवार (3 दिसंबर 2023) को मतगणना जारी है। इस बीच कॉन्ग्रेस अति आत्मविश्वास में डूब गई। नतीजे आने से पहले ही उसने अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है। कहा जात रहा है कि तेलंगाना में संभावित विधायकों को दल-बदल से रोकने के लिए कॉन्ग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के मंत्रियों को तेलंगाना भेजा है। इनमें डीके शिवकुमार का नाम भी शामिल है।
हाईकमान ने जिन नेताओं को हैदराबाद पहुँचने के लिए कहा है, उनमें डीके शिवकुमार के अलावा कैबिनेट मंत्री जमीर अहमद खान, बी नागेंद्र और एनएस बोसराजू हैं। TOI की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा था, “हमें जानकारी मिली है कि BRS हमारे संभावित विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है। हमें विश्वास है कि हमें स्पष्ट जनादेश मिलेगा और हमारी सरकार बनेगी।”
उधर बोसराजू ने कहा, हम कम से कम 65 सीटें जीतेंगे। हम अपने विधायकों पर नजर रखने के लिए हैदराबाद नहीं जा रहे, बल्कि परिणामों के बाद की व्यवस्थाओं के लिए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए कॉन्ग्रेस को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है।
कॉन्ग्रेस ने सभी चार राज्यों में अपने विधायक दल की बैठकों के समन्वय के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं। राजस्थान में पार्टी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मधुसूदन मिस्त्री, मुकुल वासनिक और शकील अहमद खान को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। छत्तीसगढ़ के लिए अजय माकन, रमेश चेन्निथला और प्रीतम सिंह को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
तेलंगाना में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, दीपादास मुंशी, अजय कुमार, के. मुरलीधरन और के. जे. जॉर्ज को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। जबकि मध्य प्रदेश के लिए अधीर रंजन चौधरी, पृथ्वीराज चव्हाण, राजीव शुक्ला और चंद्रकांत हंडोरे को नियुक्त किया गया है।
इससे पहले कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा था कि वे सभी पाँच राज्यों के कॉन्ग्रेस उम्मीदवारों को ठहरने की व्यवस्था करेंगे। संभवत: टूट से बचाने के लिए उन्होंने अपने रिसोर्ट में इन उम्मीदवारों को रखने की बात कही थी। हालाँकि, बाद में उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें किसी कॉल नहीं आया और ना ही इसकी जिम्मेदारी गई।
विधानसभा चुनाव में जीतने वाले कॉन्ग्रेस उम्मीदवारों को कर्नाटक के रिसॉर्ट और होटलों में ठहराने की व्यवस्था करने को लेकर शिवकुमार ने कहा, “कोई विधायक कहीं नहीं जाएगा।” उन्होंने कहा, “किसी ने ना तो मुझे इसकी जिम्मेदारी दी और ना ही मुझे कॉल किया। मुझे विश्वास है कि हम सभी राज्यों में जीत हासिल करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर गुजरात जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो पार्टी उनसे जो कुछ भी करने को कहेगी, वह करेंगे। दरअसल, अगस्त 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए गुजरात के 44 नवनिर्वाचितों के ठहरने का प्रबंध करने के लिए उनसे कहा गया था।