यूथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास BV (Srinivas BV) की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। पार्टी की निष्काषित नेता अंगकिता दत्ता के उत्पीड़न मामले में बेंगलुरु की स्थानीय अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। ऐसे में श्रीनिवास BV पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
दरअसल, श्रीनिवास बीवी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए बेंगलुरु के अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इस याचिका पर न्यायधीश केएस ज्योतिश्री ने गुरुवार (27 अप्रैल, 2023) को सुनवाई की थी। इसके बाद, शुक्रवार (28 अप्रैल, 2023) को अदालत ने श्रीनिवासन बीवी की याचिका खारिज कर दी।
उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद कॉन्ग्रेस से निष्कासित की गईं अंगकिता दत्ता के वकील ने कहा है कि श्रीनिवासन बीवी गुवाहाटी हाई कोर्ट भी गए थे। लेकिन अब दावा कर रहे हैं कि वह किसी अन्य कोर्ट नहीं गए। वकील ने यह भी कहा कि श्रीनिवासन प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसलिए, जमानत मिलने पर वह सबूत नष्ट कर सकते हैं। उन पर लगे आरोप गंभीर हैं, इसलिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है।
गुवाहाटी हाई कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
बता दें कि इससे पहले श्रीनिवास BV ने अपने खिलाफ हुई एफआईआर रद्द करने को लेकर गुवाहाटी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन कोर्ट ने बुधवार (26 अप्रैल, 2023) को सुनवाई करते हुए कहा था कि पीड़िता के बयान और केस डायरी का अवलोकन किए बिना राहत देना उचित नहीं होगा।
गौरतलब है कि असम युवा काॅन्ग्रेस की अध्यक्ष रहीं अंगकिता ने यूथ काॅन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास (Srinivas BV) और यूथ कॉन्ग्रेस के सेक्रेटरी इंचार्ज वर्धन यादव पर लैंगिक भेदभाव तथा बदजुबानी का आरोप लगाया था। कहा था कि राहुल गाँधी ने भी उनकी शिकायतों पर गौर नहीं किया और प्रताड़ना का सिलसिला चलता रहा। उन्होंने कहा था, “श्रीनिवास पिछले छह महीनों से उन्हें परेशान और प्रताड़ित कर रहे हैं। लैंगिक टिप्पणी करते हैं। अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से इसकी शिकायत करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।”
इसके बाद अंगकिता ने 19 अप्रैल को गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत पर कॉन्ग्रेस नेता श्रीनिवास के खिलाफ आईपीसी की धारा 509/294/341/352/354/354 ए (iv)/506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अंगकिता दत्ता की मानें तो करीब छह महीने से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गाँधी को भी इसकी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि स्त्री होने के कारण उनके साथ भेदभाव हुआ। इन आरोपों के बाद असम काॅन्ग्रेस ने पहले अंगकिता को कारण बताओ नोटिस जारी किया, फिर उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। वहीं श्रीनिवास को कर्नाटक के लिए जो स्टार प्रचारकों की सूची जारी की उसमें जगह दी।