Sunday, November 17, 2024
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विजय दिवस का दिन, भारत की मिट्टी और भारत की सेना का अपमान: चीन का यह ‘एजेंट’ राष्ट्रद्रोही नहीं तो और क्या है

भारत की जमीन से किसी को भारतीय सेना को अपमानित करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। भले देश ने उसके परिवार के तीन व्यक्तियों को प्रधानमंत्री चुना हो। भले उसकी माँ को पर्दे के पीछे से 10 साल तक सत्ता चलाने का लाइसेंस दिया हो। भले उसे संसद में बैठने का जनमत वायनाड ने दिया हो।

16 दिसंबर भारतीय सेना के शौर्य का वह पन्ना है, जिसमें उसने दुनिया का मानचित्र बदल दिया था। 1971 की इसी तारीख को 93000 पाकिस्तानी फौजियों ने भारत के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण किया था। बांग्लादेश नाम के एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ था। 2022 की इसी तारीख को राहुल गाँधी ने भारतीय सेना के उस शौर्य को अपमानित करने का काम किया है।

उन्होंने कहा है कि ‘अरुणाचल प्रदेश में चीन भारत के जवानों को पीट रहा है’। वे ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके बगलगीर थे। तवांग में हाल में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर बात करते हुए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह टिप्पणी की।

तवांग में झड़प 9 दिसंबर 2022 को हुई थी। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी फौजियों ने एलएसी को पार करने की कोशिश की थी। लेकिन 17000 फीट की ऊँचाई पर चीन के 300 से अधिक फौजियों को भारत के 50 सैनिकों ने ही रोक दिया था। भारतीय सेना की बैकअप टीम के पहुँचने के बाद वे अपने पोस्ट्स में लौटने को मजबूर हो गए थे।

भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा था, “चीनी सेना के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी को पार करने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता और मजबूती के साथ इसका मुकाबला किया। आमने-सामने की इस लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं हैं। हालाँकि, अब दोनों पक्ष पीछे हट गए हैं।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया था कि चीनी फौज ने अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने का प्रयास किया था। लेकिन भारतीय सेना ने पूरी दृढ़ता और बहादुरी से उन्हें पोस्ट्स में धकेल दिया था।

इस बीच एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें चीनी फौजियों पर भारतीय सैनिक दनादन लाठी बरसाते नजर आए थे। इसके बाद दुश्मन फौज भाग खड़ी हुई थी। यह वीडियो कब का और कहाँ का है, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह तो स्पष्ट ही है कि चीनी फौजियों की पिटाई हो रही है। भारतीय जवान उन्हें पीट रहे हैं। जिस गलवान में चीन ने धोखे से वार किया था, वहाँ भी उसे भारतीय सैनिकों के शौर्य के कारण मुँह की खानी पड़ी थी। पीछे हटना पड़ा था।

वैसे तो राष्ट्रीय सुरक्षा वह विषय होता है, जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन हम कॉन्ग्रेस से इसकी अपेक्षा नहीं कर सकते। चीन से सीक्रेट डील, गुपचुप मुलाकातें, राजीव गाँधी फाउंडेशन को चंदा ये सब जगजाहिर हैं। बावजूद इसके भारत की जमीन से किसी को भारतीय सेना को अपमानित करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। भले देश ने उसके परिवार के तीन व्यक्तियों को प्रधानमंत्री चुना हो। भले उसकी माँ को पर्दे के पीछे से 10 साल तक सत्ता चलाने का लाइसेंस दिया हो। भले उसे संसद में बैठने का जनमत वायनाड ने दिया हो। भले वह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के नाम पर 100 दिन चलने के बाद सठिया गया हो।

‘अरुणाचल में चीन भारत के जवानों को पीट रहा है’, यह कहना राष्ट्रद्रोह है। ऐसा कहने वाले व्यक्ति के साथ राजनीतिक तरीके से नहीं, कानूनी तरीके से निपटा जाना चाहिए।

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अजीत झा
अजीत झा
देसिल बयना सब जन मिट्ठा

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